आंदोलनरत किसानों को गुमराह किया गया, मोदी की योजनाओं से प्रसन्न हैं देशभर के किसान
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प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Dec 26 2020 12:52PM
उन्होंने गांधी को इन केंद्रीय कानूनों पर खुली बहस की चुनौती दी। केंद्रीय पर्यावरण एवं सूचना मंत्री ने कहा कि भारत में किसान कृषि कानूनों एवं अन्य किसानोन्मुख पहल जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना से खुश हैं।
चेन्नई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि हाल में पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे ‘कुछ’ किसानों को उनके ‘राजनीतिक आकाओं’ ने गुमराह किया है और वे चीजों को ऐसे पेश कर रहे हैं कि जैसे किसान उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) एक प्रशासनिक निर्णय है जो सदियों से अच्छी तरह काम कर रहा है और यह व्यवस्था जारी रहेगी। कृषि कानूनों के विरोध को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जावडेकर ने कहा, ‘‘ वह पखवाड़े में एक बार ही तो लोगों के सामने आते हैं।’’ उन्होंने गांधी को इन केंद्रीय कानूनों पर खुली बहस की चुनौती दी। केंद्रीय पर्यावरण एवं सूचना मंत्री ने कहा कि भारत में किसान कृषि कानूनों एवं अन्य किसानोन्मुख पहल जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना से खुश हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई द्वारा मरैमलई नगर के समीप आयोजित सभा में किसानों को संबोधित करते हुए जावडेकर ने दावा किया, ‘‘ पंजाब के किसानों को पिछली संप्रग सरकार की तुलना में राजग के शासनकाल में हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में दोगुनी धनराशि मिली है।उनकी आय पहले ही दोगुनी हो गयी है और वे इसे महसूस भी कर रहे हैं। इस पर भी, वे आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि वे गुमराह किये जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन देश भर में बहस का बड़ा विषय हो गया है, क्योंकि ‘कुछ किसानों एवं उनके राजनीतिक आकाओं ने दिल्ली और उसके आसपास आंदोलन छेड़ा और यह दिखाया कि यह अखिल भारतीय आंदोलन है और भारत के किसानों के पक्ष में है।’’ मंत्री ने कहा , ‘‘लेकिन सभी जगह किसान नये कानूनों से खुश हैं और किसान कल्याण योजनाएं जारी रहेंगी।’’The farmers in Punjab were deliberately misguided. That they would lose the MSP because of the three laws led to the present protests. But there were no protests by farmers in Tamilnadu, Kerala, Karnataka, Telangana, Gujarat, Madhya Pradesh & other states. pic.twitter.com/fiHQs028QZ
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 25, 2020
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यहां संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या एमएसपी को संवैधानिक ढांचा प्रदान किया जाएगा, खासकर तब जब सरकार नेकिसानों को स्पष्ट आश्वासन दिया है कि एमएसपी जारी रहेगा, तो उन्होंने कहा समर्थन मूल्य हमेशा एक प्रशासनिक फैसला रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ एमएसपी एक प्रशासनिक फैसला रहा है और यह पिछले 55 सालों से काम कर रहा है। हम इस व्यवस्था को जारी रखेंगे जो पिछले 55 साल से चल रही है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा ही किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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