गोधरा नगर पालिका में भाजपा को लगा बड़ा झटका, पहली बार चुनाव लड़ी ओवैसी की पार्टी सत्ता में हुई काबिज
44 सदस्यों वाली गोधरा नगर पालिका चुनाव में एआईएमआईएम के 7 पार्षद चुनकर आए थे और इन लोगों ने 17 निर्दलीय पार्षदों का समर्थन लेकर भाजपा को सत्ता में काबिज होने से रोक दिया।
अहमदाबाद। गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने एकतरफा जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई पार्टियों को तगड़ा झटका लगा था। हालांकि बुधवार को पंचमहल जिले की गोधरा नगर पालिका में एआईएमआईएम ने निर्दलीयों के समर्थन से भाजपा के हाथों से सत्ता छीन ली।
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AIMIM के 7 पार्षद जीते
44 सदस्यों वाली गोधरा नगर पालिका चुनाव में एआईएमआईएम के 7 पार्षद चुनकर आए थे और इन लोगों ने 17 निर्दलीय पार्षदों का समर्थन लेकर भाजपा को सत्ता में काबिज होने से रोक दिया। अब गोधरा नगर पालिका में एआईएमआईएम का कब्जा है।
पहली बार चुनाव लड़ रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने गोधरा और मोडासा में शानदार प्रदर्शन किया है। ओवैसी की पार्टी को गोधरा में 7 और मोडासा में 9 सीटों पर जीत हासिल हुई। आपको बता दें कि पिछली बार गोधरा नगर पालिका में भाजपा का कब्जा था लेकिन भाजपा की बी बताई जा रही एआईएमआईएम ने निर्दलियों के समर्थन से भाजपा को रोक दिया।
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ओवैसी ने 8 उम्मीदवार किए थे खड़े
पहली बार चुनाव लड़ रही ओवैसी की पार्टी ने 8 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा था। जिनमें से 7 उम्मीदवारों ने जीत का स्वाद चखा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एआईएमआईएम के प्रवक्ता शमशाद पठान ने बताया कि निर्दलियों की मदद से हमारी पार्टी गोधरा नगर पालिका पर काबिज हो गई है।
आपको बता दें कि 44 सदस्यीय गोधरा नगर पालिका की सत्ता में काबिज होने के लिए 23 पार्षदों की जरूरत थी और ओवैसी की पार्टी के पास जरूरी संख्या से एक सीट ज्यादा थी।
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