Aircel Maxis case: चिदंबरम पिता-पुत्र को 26 नवंबर तक मिली गिरफ्तारी से छूट
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में अदालत ने आठ अक्टूबर को चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को राहत देते हुए गिरफ्तारी से एक नवंबर तक अंतरिम संरक्षण दिया था।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज प्राथमिकियों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली छूट की अवधि 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी। सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी से कहा, ‘‘हमें एक समय-सीमा में काम पूरा करना है और वह (पी. चिदंबरम) सहयोग नहीं कर रहे हैं।’’
Delhi: P Chidambaram leaves from the residence of Kapil Sibal. Hearing in the anticipatory bail plea of P Chidambaram and Karti Chidambaram will continue at Patiala House Court today in connection with #AircelMaxisCase. pic.twitter.com/ownMh2Mwkq
— ANI (@ANI) November 1, 2018
उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि अग्रिम जमानत के लिए पी. चिदंबरम की अर्जी पर सीबीआई अपना जवाब बृहस्पतिवार को दायर करेगी। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को अदालत से कहा था कि एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना जरूरी है ताकि सच सामने आ सके। चिदंबरम इस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
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कांग्रेस नेता की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपने जवाब में निदेशालय ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के आचरण से जांच एजेंसी निष्कर्ष पर पहुंची है कि हिरासत में लेकर पूछताछ किये बिना आरोपों की सच्चाई तक नहीं पहुंचा जा सकता क्योंकि याचिकाकर्ता का रुख टालमटोल वाला और असहयोगात्मक रहा है।’’ उसने कहा कि उच्चतम न्यायालय में वकालत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता, राज्य सभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय के रूप में चिदंबरम बेहद प्रभावशाली और पहुंच वाले शख्स हैं। इसलिये इस बात की गंभीर आशंका है कि आवेदक मौजूदा मामले में गवाहों को प्रभावित करने या साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है।
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एक नवंबर तक मिली थी राहत
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एयरसेल-मैक्सिस मामले में अदालत ने आठ अक्टूबर को चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को राहत देते हुए गिरफ्तारी से एक नवंबर तक अंतरिम संरक्षण दिया था। चिदंबरम ने निदेशालय के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिये इस साल 30 मई को अदालत में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की थी जिसमें उन्हें समय-समय पर राहत मिलती रही है।
कार्ति की विदेश जाने की अनुमति वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से न्यायालय का इंकार
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की विदेश जाने की अनुमति मांगने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इंकार कर दिया। कार्ति के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले में आपराधिक मामला दर्ज है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति यू. यू. ललित और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम का विदेश जाना कोई जरूरी मुद्दा नहीं है जिसकर तुरंत सुनवाई की जरूरत हो। पीठ ने कहा, ‘‘कार्ति चिदंबरम का विदेश जाना इतना महत्वपूर्ण नहीं है कि उसे अन्य मामलों पर तरजीह दी जाए।’’
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