अखाड़ा परिषद महाकुंभ में गैर सनातनियों को दुकान नहीं लगाने देगा
प्रयागराज पधारे महंत रविंद्रपुरी ने मौजगिरि आश्रम का निरीक्षण किया। यहां पर तीन नवंबर को जूना अखाड़े के संत नगर प्रवेश के साथ आ जाएंगे। ऐसे में संतों को क्या जरूरत है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इसमें क्या मदद कर सकता है।
लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने खाने-पीने के सामन में थूके और मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाओं से चिंतित होकर फैसला लिया है कि महाकुम्भ में गैर सनातनियों को दुकान नहीं लगाने देगा। प्रयागराज में अपने आश्रम क निरीक्षण करने पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि लोग खाने-पीने में बहुत कुछ मिलाकर बेचते हैं। जिससे धर्म भ्रष्ट होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर इसकी जानकारी होगी तो महाकुम्भ में आए अन्य श्रद्धालु भड़क सकते हैं। जिससे बड़ा विरोध होगा और आस्था के इस पर्व पर दाग लगेगा। उन्होंने कहा कि परिषद नहीं चाहती कि मेले में किसी प्रकार का विवाद हो। ऐसे में परिषद इसका प्रस्ताव पास कर शासन व प्रशासन को देगा। जिससे इन लोगों को दुकानें ही आवंटित न हो।
प्रयागराज पधारे महंत रविंद्रपुरी ने मौजगिरि आश्रम का निरीक्षण किया। यहां पर तीन नवंबर को जूना अखाड़े के संत नगर प्रवेश के साथ आ जाएंगे। ऐसे में संतों को क्या जरूरत है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इसमें क्या मदद कर सकता है। इसके इंतजाम को देखा। इस दौरान उनके साथ जूना अखाड़े के अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि मौजूद रहे।
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उधर, महाकुम्भ 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 29 अक्टूबर से शुरू हो गई है। पहले दिन 30 लोगों ने वेबसाइट पर आवेदन कर दिए थे। कुछ आवेदन ऑफलाइन भी आए हैं, जिसे ऑनलाइन किया जाएगा। महाकुंभ के लिए पहली बार सभी आवेदन ऑनलाइन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। आवेदन की प्रक्रिया 12 नवंबर तक चलेगी। इस बीच जमीन की लेबलिंग का काम तेजी के साथ किया जाएगा।
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