श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सभी मौजूदा मांगें की गई पूरी, नौ जुलाई को अंतिम ट्रेन परिचालित हुई: रेलवे

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रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. यादव ने कहा कि एक मई से कुल 4,615 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इनके जरिये 63 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचाया गया।

नयी दिल्ली। रेलवे ने बृहस्तिवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके अपने राज्य पहुंचाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सभी मौजूदा मांग उसने पूरी कर दी है। इसके तहत अंतिम ट्रेन सेवा नौ जुलाई को प्रदान की गई। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी. के. यादव ने कहा कि एक मई से कुल 4,615 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इनके जरिये 63 लाख से अधिक लोगों को कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचाया गया। रेलवे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान फंसे हजारों श्रमिकों के अपने-अपने घरों के लिये पैदल ही निकल पड़ने के बाद उन्हें उनके मूल निवास वाले राज्य में पहुंचाने के लिये एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। रेल मंत्रालय ने कहा है कि उसने प्रवासी श्रमिकों के लिये टिकटों की कीमत में रियायत दी। केंद्र टिकट की कीमत का 85 प्रतिशत हिस्सा देने को राजी हुआ, जबकि राज्यों से 15 प्रतिशत हिस्से का भुगतान करने को कहा गया।  

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यादव ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अंतिम श्रमिक स्पेशल ट्रेन नौ जुलाई को परिचालित की गई थी और इसके साथ ही यह मान लिया गया कि हमने इन ट्रेनों के संबंध में राज्यों की मांग पूरी कर दी है। हालांकि, यदि ऐसी और मांग की जाती है तो हम ये ट्रेनें फिर से परिचालित करेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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