Abbas Ansari पर आ गया इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, दोषसिद्धि रद्द, सदस्यता बहाल

Abbas Ansari
ANI
अभिनय आकाश । Aug 20 2025 4:18PM

मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 31 मई, 2025 को उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की कैद और 3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसी सजा के आधार पर, 1 जून, 2025 को उनका विधायक पद समाप्त कर दिया गया था।

माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने अंसारी की याचिका स्वीकार करते हुए मऊ स्थित एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की जेल की सजा को रद्द कर दिया है। इस आदेश के साथ ही अब उनका विधायक का दर्जा बहाल हो जाएगा और मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 31 मई, 2025 को उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की कैद और 3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसी सजा के आधार पर, 1 जून, 2025 को उनका विधायक पद समाप्त कर दिया गया था।

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जब मऊ के जिला न्यायाधीश ने 5 जुलाई को उनकी अपील खारिज कर दी, तो अब्बास ने इस आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, उच्च न्यायालय ने 30 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इस मामले में अब्बास अंसारी का प्रतिनिधित्व किया, जबकि महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दलीलें दीं और किसी भी राहत का कड़ा विरोध किया। आज के फैसले के साथ, अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पुनः प्राप्त हो गई, जो मऊ में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम है।

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