प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत से पहले अमित शाह, नरेंद्र तोमर और पीयूष गोयल ने की बैठक

Amit Shah, Narendra Tomar

तोमर, गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। माना जा रहा है कि बुधवार को तीन प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों और इसको लेकर चर्चा की है कि नए कृषि कानूनों को लेकर कैसे कृषकों की चिंताओं को दूर किया जाए।

नयी दिल्ली। केंद्र और प्रदर्शकारी किसानों के प्रतिनिधियों के बीच दूसरे चरण की बातचीत से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक कर नए कृषि कानूनों से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के उपायों पर चर्चा की। तोमर, गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बातचीत के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। माना जा रहा है कि बुधवार को तीन प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों और इसको लेकर चर्चा की है कि नए कृषि कानूनों को लेकर कैसे कृषकों की चिंताओं को दूर किया जाए। नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे 35 किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। किसान संगठनों के समूह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्य समिति (एआईकेएससीसी) की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। लगभग दो घंटे चली बैठक में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एकमत राय थी कि तीनों नये कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। किसानों के प्रतिनिधियों ने इन कानूनों को कृषक समुदाय के हितों के खिलाफ करार दिया। 

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प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि केन्द्र सरकार के कृषि संबंधी कानूनों सेन्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जायेगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों की दया पर छोड़ दिया जायेगा। सरकार लगातार कह रही है कि नए कानून किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे और इनसे कृषि में नई तकनीकों की शुरूआत होगी। सरकार ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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