आदिवासी परिवार के साथ अमित शाह का भोज करना दिखावा, खाना पांच सितारा होटल में पका थाः ममता

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इस महीने के शुरू में अपनी बंगाल यात्रा के दौरान शाह बांकुड़ा में एक आदिवासी और कोलकाता में एक मटुआ के घर गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोज से पहले परिवार के सदस्यों को सब्जियां काटते हुए दिखाया गया था लेकिन खाना बनाने के लिए असल में उनमें से किसी सामान का इस्तेमाल नहीं किया गया था। बनर्जी ने कहा, मैंने अखबारों में देखा था कि बासमती चावल और पोस्तोर बोरा परोसा गया था... परिवार के सदस्यों को जिस धनिए की पत्तियों को काटते हुए दिखाया गया था, उनका इस्तेमालकिसी भी चीज में नहीं किया गया। इन दिनों लोग ये चीजें देख सकते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि शाह की यात्रा से पहले घर को साफ किया गया था और उसपर नई पुताई भी कराई गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा, आज मैं यहां एक गांव गई जहां तापसिली समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। वहां मैं खटिया पर बैठी और स्थानीय लोगों से मिली। मेरी यात्रा नियोजित नहीं थी। मैं सबसे मिली और उनकी जरूरतों के बारे में मालूम किया। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा बिरसा मुंडा की मूर्ति समझ कथित तौर पर आदिवासी शिकारी की मूर्ति पर माला पहनाने पर बनर्जी ने कहा कि ऐसी चीजों को सहन नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मई 2019 में शाह की रैली के दौरान ईश्वर चंद्र विद्यासागर की अर्ध प्रतिमा को तोड़ने का भी हवाला दिया और कहा कि यह अपमान है।
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बनर्जी ने कहा, उन्होंने (शाह) ने एक ऐसी प्रतिमा को माला पहना दी, जो बिरसा मुंडा की नहीं थी। बाद में, मैंने सुना कि लोग कह रहे थे कि यह एक शिकारी की प्रतिमा है। आप इस तरह से हमारा अपमान नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल से बिरसा मुंडा की जयंती पर सरकारी छुट्टी होगी। भाजपा नेतृत्व ने आदिवासी परिवार के घर पर शाह द्वारा भोज करने पर नकारात्मक राजनीति करने के लिए बनर्जी की आलोचना की है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने कहा तृणमूल कांग्रेस की हर मुद्दे पर राजनीति करने की आदत है। हमारी पार्टी के नेता अमित शाह जी ने जो खाना पाया था, वो उसी घर में बना था। हाजरा ने कहा, वह दावा कर रही हैं कि वह बिरसा मुंडा की प्रतिमा नहीं थी। मैं उनसे अनुरोध करना चाहूंगा कि अपने तर्क को साबित करने के लिए आदिवासी नेता की तस्वीर पेश करें। क्या तृणमूल कांग्रेस साबित कर सकती है कि जिस मूर्ति को माला पहनाई गई थी, वह बिरसा मुंडा की नहीं थी? इस तरह के हथकंडों से अब परिणाम नहीं मिलेंगे।
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