मथुरा की शाही ईदगाह हटवाने के लिए इस दिन जिला जज की अदालत में की जाएगी अपील

Mathura

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह को हटाकर भूमि वापस श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपे जाने से संबंधित याचिका निरस्त हो जाने के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने अब इस मामले में जिला जज की अदालत में अपील करने का फैसला किया है।

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में स्थित शाही ईदगाह को हटाकर भूमि वापस श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपे जाने से संबंधित याचिका निरस्त हो जाने के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने अब इस मामले में जिला जज की अदालत में अपील करने का फैसला किया है। वे इस संबंध में अगले सप्ताह याचिका दायर करेंगे। गौरतलब है कि इस मामले की पोषणीयता के सवाल पर सुनवाई करते हुए प्रभारी सिविल जज (प्रवर वर्ग)छाया शर्मा ने बीते 30 सितम्बर को इस आधार पर याचिका निरस्त कर दी थी कि याचिकाकर्ताओं में से कोई भी व्यक्ति न तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान न्यास का सदस्य है और न ही वे यह सिद्ध करने में कामयाब हुए हैं कि मूलवाद (संख्या 43/1967) में दिए गए निर्णय से उनका हित किस प्रकार प्रभावित हो रहा है तथा उन्हें इस मामले में कोई मुकदमा करने का अधिकार नहीं है।

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निर्णय की सत्यप्रति प्राप्त करने के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने शनिवार देर शाम बताया कि जिन तथ्यों के आधार पर सिविल जज ने उनकी याचिका खारिज की है वे उनके जवाब देते हुए अगले सप्ताह जनपद न्यायालय में अपील दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया, निर्णय के अनुसार न्यायालय ने प्रश्नगत प्रकरण में वादी की ओर से पेश की गईं संदर्भत विधि-व्यवस्थाओं से सहमति जताई है किंतु वादीगणों को मुकदमा करने का अधिकारी नहीं माना गया है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ दूसरा, वादीगणों में प्रथम श्रीकृष्ण विराजमान व द्वितीय स्थान श्रीकृष्ण जन्मस्थान तथा अन्य को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त होने का सवाल उठाया है कि चूंकि भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के पूज्य आराध्य हैं तथा सम्पूर्ण विश्व में उनके असंख्य भक्त हैं। ऐसे में यदि किसी को भी इस प्रकार मुकदमा करने का अधिकार दिया जाता है तो भविष्य में न्यायिक एवं सामाजिक व्यवस्था चरमराने का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए यह याचिका पोषणीय नहीं है।’’ उन्होंने बताया कि इस आधार पर यह याचिका निरस्त कर दी गई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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