कांग्रेस के साथ गठबंधन पर बोले केजरीवाल, कभी उनकी मंशा थी ही नहीं

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[email protected] । Apr 25 2019 4:35PM

‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में गठबंधन के लिए आप ने हरसंभव कोशिश की लेकिन कांग्रेस के बार बार अपनी शर्तें बदलने से साबित हो गया कि उसकी मंशा गठबंधन करने की नहीं थी।

नयी दिल्ली। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में ‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो पाने के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्विटर पर गठबंधन करने की कोशिश कर रहे थे। केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को आप का घोषणापत्र जारी करते हुये कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाने के बारे में कहा कि दिल्ली में गठबंधन के लिए आप ने हरसंभव कोशिश की लेकिन कांग्रेस के बार बार अपनी शर्तें बदलने से साबित हो गया कि उसकी मंशा गठबंधन करने की नहीं थी। आप प्रमुख ने बताया कि पिछले सप्ताह मंगलवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात कर दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ की 18 सीटों पर गठबंधन के लिये सहमति दी थी। आजाद ने कहा था कि वह कांग्रेस नेतृत्व से मंजूरी लेकर बुधवार को संयुक्त रूप से गठबंधन की घोषणा कर देंगे। 

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केजरीवाल ने कहा कि अगले ही दिन आजाद ने फोन कर अपनी शर्तें बदल कर सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करने की बात कही। इससे साफ हो गया कि कांग्रेस गठबंधन करने की इच्छुक नहीं थी। केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ट्विटर पर और फिर मीडिया में अंतिम क्षण तक गठबंधन के लिये तैयार रहने का बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि ट्विटर और अखबारों की सुर्खियों के जरिये दुनिया का कौन सा गठबंधन हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब वह गठबंधन करना नहीं चाहते हैं, बल्कि दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि वह गठबंधन के लिये इच्छुक थे। असल में उनकी मंशा गठबंधन करने की नहीं बल्कि भाजपा को मदद पहुंचाने की थी। 

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केजरीवाल ने आप और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे के चार तीन के फार्मूले को भाजपा के लिये फायदेमंद बताते हुये दावा किया कि कांग्रेस जो तीन सीट मांग रही थी उन्हें देने पर वे तीनों सीटें भाजपा की झोली में जायेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तीन सीट देकर भाजपा को तीन सीटें जीतने का मौका देने के बजाय आप अपने बलबूते, सातों सीट पर भाजपा को कड़ी चुनौती देकर हराना पसंद करेगी।

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