प्रभासाक्षी के कार्यक्रम में व्यंग्यकार अशोक ने अपने व्यंग्य से चार चांद लगाया, पढ़िए उनकी रचनाएं
अनुराग गुुप्ता । Sep 14 2021 11:42AM
हास्य व्यंग्य के कवि अशोक झंझटी ने हिंदी दिवस के अवसर पर अपने द्वारा लिखी गई रचनाओं को सभी के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्यंग्य से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
नयी दिल्ली। हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी की प्रतिष्ठित समाचार वेबसाइट प्रभासाक्षी.कॉम ने एक वेबिनार का आयोजन किया। इस दौरान अशोक झंझटी ने कहा कि लिखी प्रभुराम की गाथा बहुत कुछ दे गए तुलसी हमें सर्नाण कर गए। करे व्यवहार कब कैसे भला किससे बताया है, यह पंचम वेद का उपहार जग को दे गए।
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हास्य व्यंग्य के कवि अशोक झंझटी ने हिंदी दिवस के अवसर पर अपने द्वारा लिखी गई रचनाओं को सभी के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्यंग्य से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
देश के हालात की पिक्चर दिखाता हूं
लोग कहते हैं कि मैं कविता सुनाता हूं
अब तो खुद ब खुद उतर जाते हैं चेहरों से नकाब
लोग कहते हैं कि पर्दा मैं उठाता हूं
कोई इस देश का पैसा लेकर जा रहा है
कोई भोकट में ही मलाई खा रहा है
इस दौरान उन्होंने साहित्य से जुड़ी हुई कविता का भी पाठ किया।
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