Purvottar Lok: असम-मेघालय सीमा हिंसक झड़प के बाद अब कैसे हैं हालात? कैसे मनायी गयी Lachit Borphukan की 400वीं जयंती

Lachit Borphukan
ANI

हम आपको याद दिला दें कि मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दे रखी है, जिसके अनुसार दोनों राज्यों के बीच सीमा का सीमांकन किया गया था।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। असम-मेघालय सीमा पर हुई हिंसक झड़पों से उपजे तनावपूर्ण हालात, त्रिपुरा में चुनाव की तैयारी के लिए निर्वाचन आयोग का दौरा और जनरल लचित बोड़फूकन की 400वीं जयंती से जुड़े समारोह इस सप्ताह पूर्वोत्तर क्षेत्र की बड़ी घटनाओं में से रहे।

जहां तक हिंसक झड़प की बात है तो आपको बता दें कि असम-मेघालय सीमा पर एक गांव में मंगलवार तड़के हुई हिंसक झड़पों के बाद स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन शांति कायम है। हम आपको बता दें कि क्षेत्र में हिंसक झड़पों में छह व्यक्तियों की मौत के बाद इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। दरअसल असम-मेघालय सीमा के साथ पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में एक विवादित स्थान पर मंगलवार तड़के हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। झड़प उस समय हुई जब अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोका गया था। उल्लेखनीय है कि असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतर-राज्यीय सीमा से सटे 12 क्षेत्रों में लंबे समय से विवाद है और जिस स्थान पर हिंसा हुई वह उनमें से एक है। दोनों राज्यों ने छह क्षेत्रों में विवाद को समाप्त करने की दिशा में इस साल मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन अभी कुछ क्षेत्रों को लेकर विवाद बाकी है। हम आपको याद दिला दें कि मेघालय को 1972 में असम से अलग किया गया था और तब से मेघालय ने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दे रखी है, जिसके अनुसार दोनों राज्यों के बीच सीमा का सीमांकन किया गया था।

इस बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा है कि राज्य में पेट्रोल एवं डीजल की कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से हड़बड़ी में जरूरी वस्तुओं की खरीददारी नहीं करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाये हैं कि जरूरी वस्तुओं के स्टॉक और आपूर्ति में कमी न हो। दरअसल असम में पेट्रोलियम कर्मियों के एक शीर्ष निकाय ने कहा है कि उसने पड़ोसी राज्य में ईंधन की ढुलाई रोक दी है। इसके बाद लोग ईंधन की कमी के डर के मारे उसे खरीदने में जुट गये और पेट्रोल पंपों पर सैंकडों वाहन अपनी बारी के इंतजार में खड़े नजर आने लगे। हालांकि बाद में असम पेट्रोलियम मजदूर यूनियन (एपीएमयू) ने मेघालय में ईंधन की आपूर्ति बहाल करने का फैसला किया। यह फैसला टैंकर और उसमें सवार लोगों की सुरक्षा का पड़ोसी राज्य द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद लिया गया।

उधर, असम ने मेघालय की यात्रा नहीं करने के संबंध में राज्य के लोगों के लिए जारी ‘परामर्श’ को शुक्रवार को भी बरकरार रखा। दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच विवादित सीमावर्ती इलाके में चार दिन पहले हुए संघर्ष में छह लोगों की मौत होने के बाद ‘‘स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने’’ के मद्देनजर असम ने यह परामर्श बरकरार रखा है।

मिजोरम

मिजोरम की बात करें तो इस ईसाई बहुल राज्य की सरकार ने क्रिसमस और नववर्ष के मद्देनजर पटाखों, कंदील (स्काई लैन्टर्न्स) और खिलौने वाली बंदूकों सहित आतिशबाजी के अन्य सामान पर प्रतिबंध लगा दिया है। आइजोल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सी. लालरुआ ने बताया कि पटाखों, कंदील, गोलियों वाली खिलौना बंदूकों और अन्य आतिशबाजी के सामान की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पिछले महीने उपायुक्तों ने जारी किए थे। उन्होंने बताया कि दीपावली के आसपास भी पटाखों और आतिशबाजी के सामान पर प्रतिबंध था। मिजोरम में पहले भी त्योहारों के दौरान प्रदूषण कम करने के लिए पटाखों, कंदील और खिलौना बंदूकों सहित आतिशबाजी के अन्य सामान पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इसके अलावा एनआईए ने म्यांमा सरकार के खिलाफ लड़ रहे एक समूह के लिए बनाए गए 2,400 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों की बरामदगी के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि लालरिंगसंगा (54) को मामले के सिलसिले में आइजोल से गिरफ्तार किया गया। एनआईए ने कहा कि मामला 21 जनवरी को मिजोरम के टीपा में एक वाहन से 2,421 किलोग्राम विस्फोटक, 1,000 डेटोनेटर, 4,500 मीटर डेटोनेटर फ्यूज तार, 73,500 रुपये तथा 9.35 लाख से अधिक म्यांमा की मुद्रा क्यात बरामद होने से संबंधित हैं। एनआईए ने कहा, “यह खेप म्यांमा स्थित संगठन के लिए थी। संदेह है कि वह संगठन चिन नेशनल फ्रंट (सीएनएफ) था, जो म्यांमा सरकार से लड़ रहा है।''

इसके अलावा मिजोरम में स्थानीय बैंड की दिल को छू लेने वाली प्रस्तुति और आगंतुकों में खुशी और भाईचारे के बीच पूर्वोत्तर क्षेत्र के तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का समापन हुआ और मिजोरम ने लोगों को राज्य का दौरा करने और ‘अनछुए स्वर्ग’ का आनंद उठाने के लिए आमंत्रित किया। मिजोरम के एक रॉक बैंड 'द प्रोफेट्स' की प्रस्तुतियों का आनंद उठाने के लिए असम राइफल्स मैदान में भारी भीड़ जमा हो गई थी। इतना ही नहीं, पारंपरिक सामान और हस्तशिल्प बेचने वाली दुकानों पर भी युवाओं की भीड़ उमड़ी हुई थी। मिजोरम का पारंपरिक सामान, जैसे आंवला तेल, पुरानी शैली के चाकू, सुगंधित डिजाइनर साबुन, कढ़ाई वाले जैकेट और हस्तकला सामान बेचने वाली दुकानों पर भारी भीड़ इकट्ठा हुई और असम राइफल्स की बटालियन परिसर के आसपास की सड़कें देर रात तक लोगों से गुलजार रहीं।

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त्रिपुरा

उधर, निर्वाचन आयोग के एक दल ने त्रिपुरा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की तैयारियों की समीक्षा की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग के दल ने राज्य का दौरा किया तथा सभी आठ जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस उपाधीक्षकों के साथ बैठकें कीं। उन्होंने कहा, ‘‘मतदाता सूची, ईवीएम/वीवीपीएटी, मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाएं, श्रमबल प्रबंधन, परिवहन और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति समेत सभी अहम मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी और जिलों से प्रतिक्रिया ली गयी।’’ हम आपको बता दें कि त्रिपुरा में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इसके अलावा, त्रिपुरा को अगले शैक्षणिक सत्र तक अपना पहला डेंटल कॉलेज मिल जाएगा। एक विधायक ने यह जानकारी दी। विधायक डॉ. दिलीप कुमार दास ने कहा कि आईजीएम अस्पताल की नई इमारत में कॉलेज की स्थापना की जाएगी। आईजीएम अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के प्रमुख डॉ. दिलीप कुमार दास ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति के सुझाव के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही कक्षाओं, ऑपरेशन थिएटर, पैथोलॉजी और प्रशासनिक कार्यों के लिए कुछ बुनियादी ढांचे तैयार कर लिए हैं।

उधर, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा ने कहा है कि सीमापार से मादक पदार्थों की तस्करी पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बड़ी चिंता की बात है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) के प्रमुखों की दो दिवसीय बैठक का उद्घाटन करते हुए मानिक साहा ने कहा कि राज्य पुलिस समेत प्रवर्तन एजेंसियां आने वाले दिनों में समस्या के समाधान के लिए मिलकर काम करेंगी।

उधर, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने वर्षों तक त्रिपुरा पर राज करने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों को विभाजित किया। सिपाहीजला जिले के सोनामूडा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतिमा भौमिक ने कहा कि भाजपा दो समुदायों को विभाजित करने में यकीन नहीं रखती है क्योंकि पार्टी का ध्यान ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र पर है। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी माकपा हमेशा भाजपा को अल्पसंख्यक विरोधी दिखाने की कोशिश करती है। उन्होंने वर्षों तक राज्य पर शासन करने के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों को विभाजित किया। अब उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का वक्त आ गया है।’’

असम

मिशनरी कार्य में लगे रहने के आरोप के चलते 10 यूरोपीय पर्यटकों को असम से उनके अपने देशों में वापस भेज जाने के करीब एक महीने बाद पूर्वोत्तर के एक बड़े ईसाई संगठन ने धर्मांतरण के ‘‘झूठे आरोपों’’ को लेकर चिंता प्रकट की है। इसे समुदाय को बदनाम करने की चेष्टा करार देते हुए ‘‘यूनाईटेड क्रिश्चियन फोरम ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया’’ (एनईआई) ने कहा कि उसने जाति, पंथ, नस्ल से ऊपर उठकर समाज के सभी वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में सेवाएं दी है। यूनाईटेड क्रिश्चियन फोरम, एनईआई के प्रवक्ता एलेन ब्रुक्स ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ''धर्मांतरण के बारे में खबरों से हमें बहुत चिंता हुई है।’’ कई दक्षिणपंथी संगठनों ने अक्सर ईसाई मिशनरियों पर खासकर गरीब आदिवासियों का जबरन या लालच देकर धर्मांतरण करने का आरोप लगाया है। हम आपको बता दें कि हाल में दस यूरोपीयों को असम से उनके अपने अपने देश भेज दिया गया था क्योंकि वे कथित रूप से मिशनरी गतिविधियों में लगे थे। उनमें से तीन स्वीडन के और सात जर्मनी के थे। अधिकारियों के अनुसार, उनके पास आवश्यक एम1 वीजा नहीं था लेकिन वे पर्यटक वीजा पर देश में आए थे। कई राज्यों में धर्मांतरण रोधी कानून है लेकिन असम में ऐसा कोई कानून नहीं है।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अंदरूनी हिस्सों के विकास के लिए संचार के महत्वपूर्ण साधन के तौर पर अंतर्देशीय जलमार्गों की पूर्ण क्षमता तलाशने पर काम कर रही है। सोनोवाल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अधिक आर्थिक जीवंतता सुनिश्चित करने में जलमार्गों की भूमिका को भी रेखांकित किया। असम की बराक घाटी के लिए जलमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के बाद केंद्रीय पोत, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत संपन्न है तथा इसकी संपन्नता हमारी समृद्ध विरासत तथा संसाधनों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दुनिया तक पहुंचनी चाहिए। अंतर्देशीय जलमार्ग हमारे पूर्वोत्तर के लोगों के लिए एक शानदार रास्ता है, ताकि हमारे उत्पादों को प्रभावी तथा आर्थिक रूप से विश्व तक पहुंचाया जा सके।’’

उधर, असम मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में 500 करोड़ रुपये की लागत से 2,000 नये आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थापना को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने इसकी जानकारी दी। मंत्रिमंडल की बैठक में हुए फैसलों को मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। ट्वीट के अनुसार, बच्चों के देखभाल की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए इन आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाएगा।

अब बात करते हैं पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बोड़फूकन की। उनकी 400वीं जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत का इतिहास योद्धाओं का इतिहास है, अत्याचारियों के विरूद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास है। भारत का इतिहास वीरता की परंपरा का रहा है।

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