अयोध्या मामला: PM मोदी बोले- 2010 में हाईकोर्ट के फैसले का सभी ने किया था सम्मान
मोदी ने लोगों से कहा कि वह अपनी यादाश्त पर जोर डालें और याद करें कि सितंबर 2010 में अयोध्या मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पहले क्या स्थिति थी।
नयी दिल्ली। अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में बात को याद किया कि 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आने से पहले जब समाज में दरार पैदा करने के प्रयास किए गये तो कैसे राजनीतिक दलों और समाज के अन्य लोगों ने एकजुटता को बनाये रखने के लिए परिपक्व भूमिका निभायी।
PM: But when decision came on Ram Janmbhoomi, govt, political parties, civil societies, representatives of all communities, saints gave balanced statements & tried to reduce tension. When I recall that day, I feel happy that judiciary was respected&tension was not allowed. (3/3)
— ANI (@ANI) October 27, 2019
उन्होंने कहा कि यह इस बात की मिसाल है कि कैसे एकजुट स्वर से देश को मजबूत किया जा सकता है। मोदी ने लोगों से कहा कि वह अपनी यादाश्त पर जोर डालें और याद करें कि सितंबर 2010 में अयोध्या मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पहले क्या स्थिति थी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितंबर 2010 में राम जन्मभूमि पर फैसला सुनाया था। आप अपनी यादाश्त पर जोर डालकर याद करें कि उस वक्त हालात कैसे थे। हर तबके के लोगों ने मोर्चा संभाला। कई समूह अपने-अपने तरीके से हालात का फायदा उठाने का प्रयास कर रहे थे।’’ वह तनाव पैदा करने के लिए उस दौरान इस्तेमाल की गई भाषा का हवाला दे रहे थे।
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उन्होंने कहा कि उस दौरान कुछ बलबोड़े लोगों का एकमात्र उद्देश्य सुर्खियों में आना था। उन्होंने कहा कि ......राम मंदिर को लेकर 2010 में आए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से पहले कई तरह के बयान दिए गए और माहौल बनाया गया। कई बड़बोलों ने तरह-तरह के बयान दिए थे। देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई थीं। लेकिन जब फैसला आया तो सबने इसे स्वीकार किया। संतों ने बहुत संभलकर बयान दिए और माहौल में कोई समस्या नहीं हुई।
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