अयोध्या मामला: सुब्रमण्यम स्वामी ने किया आग्रह, मंदिर में पूजा के मौलिक अधिकार पर हो सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ से स्वामी ने अनुरोध किया कि उनकी याचिका पर अलग से सुनवाई की जाये।
नयी दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में विवादित राम मंदिर में पूजा के अपने मौलिक अधिकार पर अमल के लिये दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई का सोमवार को उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया। न्यायालय ने स्वामी से कहा कि वह अयोध्या मामलो की सुनवाई के दौरान मंगलवार को उपस्थित रहें। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ से स्वामी ने अनुरोध किया कि उनकी याचिका पर अलग से सुनवाई की जाये।
इस पर पीठ ने स्वामी से कहा कि अयोध्या प्रकरण के मुख्य मामले की मंगलवार को सुनवाई होगी और वह इस दौरान न्यायालय में मौजूद रहें। शीर्ष अदालत ने पिछले साल स्वामी को अयोध्या भूमि विवाद मामले में हस्तक्षेप की अनुमति देने से इंकार कर दिया था और स्पष्ट किया था कि मूल पक्षकारों के अलावा किसी अन्य को इसमें पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी जायेगी। हालांकि, पीठ ने स्वामी की इस दलील पर विचार किया था कि वह इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्होंने तो अयोध्या में राम लला के जन्म स्थान पर पूजा करने के अपने मौलिक अधिकार को लागू कराने के लिये अलग से याचिका दायर की है।
Today I appeared before the CJI SC to ask for re listing my Writ Petition on my Fundamental Right to pray as superior to any property rights. The CJI asked to me appear before the 5 judge Bench tomorrow and the Court hear me on the listing. Hurray!
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 25, 2019
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पीठ ने कहा कि चूंकि हम हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दे रहे हैं, इसलिए स्वामी की याचिका पुनर्जीवित मानी जायेगी और इस पर उचित पीठ कानून के अनुसार विचार करेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठअयोध्या में विवादित स्थल को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर 26 फरवरी को सुनवाई करेगी।
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