प्रसव के दौरान बच्चे की मौत, परिवार ने अस्पताल में चिकित्सकों के मौजूद न होने का आरोप लगाया

शुक्रवार को उन्होंने पीटीआई- को बताया कि एक चिकित्सक वास्तव में अस्पताल में मौजूद था लेकिन प्रसव के समय वह सांप के काटने से संबंधित एक आपातकालीन मामले में व्यस्त था।
महाराष्ट्र के पालघर ज़िले की एक महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि सरकारी अस्पताल में महिला के प्रसव के दौरान चिकित्सक के कई घण्टों तक मौजूद न रहने के कारण महिला के बच्चे की मौत हो गई।
हालांकि, अधिकारियों ने परिवार के इस दावे को खारिज कर दिया है। महिला के पति के अनुसार 25 वर्षीय वैशाली अशोक बात्रे को 22 अक्टूबर की सुबह मोखाडा ग्रामीण अस्पताल में प्रसव के लिए लाया गया था।
उन्होंने दावा किया कि लगभग 12 घण्टे तक एक भी चिकित्सक वहां मौजूद नहीं थे और उस समय केवल एक नर्स ही ड्यूटी पर थी। समय पर चिकित्सीय व्यवस्था और विशेषज्ञ देखभाल की कमी के कारण प्रसव के दौरान नवजात शिशु की मृत्यु हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया गया कि अस्पताल ने बाद में इस आदिवासी महिला और उसके मृत शिशु को खोडाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। तालुका चिकित्सा अधिकारी डॉ. भाऊसाहेब छत्तार ने लापरवाही के आरोपों का खंडन किया है।
शुक्रवार को उन्होंने पीटीआई- को बताया कि एक चिकित्सक वास्तव में अस्पताल में मौजूद था लेकिन प्रसव के समय वह सांप के काटने से संबंधित एक आपातकालीन मामले में व्यस्त था।
छत्तार ने कहा, जब जन्म के तुरंत बाद बच्चा रोता हुआ नहीं पाया गया तो चिकित्सक वार्ड में जल्दी से पहुंचे लेकिन उन्होंने शिशु को मृत पाया। प्रारंभिक निष्कर्षों का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि शायद बच्चे में जन्मजात विसंगति थी। उन्होंने कहा, चिकित्सा टीम की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई थी। हमारे पास अस्पताल में सहायक कर्मचारी भी मौजूद है।
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