बादल की पद्म पुरस्कार वापसी सरकार के मुंह पर तमाचा: मेधा पाटकर
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Dec 3 2020 6:40PM
किसानों और श्रमिकों के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पाटकर की अगुवाई में शहर के रीगल चौराहे पर नये कृषि कानूनों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान पाटकर ने संवाददाताओं से कहा, हम उनके (बादल के) शुक्रगुजार हैं और उन्हें सलाम करते हैं। उनके पद्म पुरस्कार वापस करने से सरकार के मुंह पर तमाचा पड़ा है।
इंदौर (मध्यप्रदेश)। नये कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पद्म विभूषण पुरस्कार लौटाने को केंद्र सरकार के मुंह पर ‘तमाचा’ करार देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। किसानों और श्रमिकों के विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पाटकर की अगुवाई में शहर के रीगल चौराहे पर नये कृषि कानूनों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान पाटकर ने संवाददाताओं से कहा, हम उनके (बादल के) शुक्रगुजार हैं और उन्हें सलाम करते हैं। उनके पद्म पुरस्कार वापस करने से सरकार के मुंह पर तमाचा पड़ा है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख ने कहा, हम अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियों से अपील करते हैं कि वे कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देते हुए सरकारी पुरस्कार लौटाएं और सरकार के मुंह पर तमाचा मारें। पाटकर ने आरोप लगाया कि नये कृषि कानूनों ने कॉर्पोरेट क्षेत्र को मुनाफाखोरी तथा जमाखोरी की खुली छूट दे दी है जिससे देश की खाद्य सुरक्षा के सामने गहरा संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को नये कृषि कानूनों को फौरन वापस लेना चाहिए। इसके साथ ही कानून बनाकर वनोपज, दूध, मछली और फल-सब्जियों के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना चाहिए।Akali Dal stalwart Parkash Singh Badal returns Padma Vibhushan in protest against farm laws
— Press Trust of India (@PTI_News) December 3, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़