बदरुद्दीन अजमल की मुस्लिम समुदाय से अपील, बकरीद पर न दें गायों की कुर्बानी, सनातन धर्म इसे एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है

Badruddin Ajmal
creative common
अभिनय आकाश । Jul 4 2022 5:27PM

असम के कछार जिले में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि हिंदू गाय को मां मानते हैं, सनातन धर्म इसे एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है। यहां तक ​​​​कि इस्लाम भी कहता है कि किसी जानवर को नुकसान न पहुंचाएं।

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने मुस्लिम समुदाय से 10 जुलाई को मनाई जाने वाली ईद अल-अधा (बकरीद) त्योहार के दौरान गायों की बलि देने से बचने का आग्रह किया। असम के धुबरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद और जमीयत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि हिंदू गायों को एक मां के रूप में पूजते हैं और इसलिए किसी को भी इसे नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: देवी-देवताओं की तस्वीर वाले अखबार में चिकन रखकर बेचने से रोकने पर शख्स ने पुलिस पर किया हमला, हुआ गिरफ्तार

असम के कछार जिले में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि हिंदू गाय को मां मानते हैं, सनातन धर्म इसे एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है। यहां तक ​​​​कि इस्लाम भी कहता है कि किसी जानवर को नुकसान न पहुंचाएं। अजमल ने कहा कि मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि ईद के दौरान गायों को न मारें, हम इस प्रथा का कड़ा विरोध करते हैं। मैं मुस्लिम समुदाय से अन्य जानवरों की कुर्बानी देने का अनुरोध करूंगा और अल्लाह इसे स्वीकार करेगा। 

इसे भी पढ़ें: वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी मामले की फिर से सुनवाई, मुस्लिम पक्ष रखेगा दलीलें

भारत के सबसे बड़े इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने भी जनता से दो साल पहले ईद पर गायों की कुर्बानी से बचने की अपील की है, और मैं वही दोहरा रहा हूं, कृपया गायों की बलि न दें। बता दें कि मुस्लिम धर्म में पवित्र माह रमजान के 70 दिन बाद बकरीद का त्यौहार मनाया जाता है। इसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जानते हैं। इस साल भारत में बकरीद का त्यौहार 10 जुलाई मनाया जाएगा। बकरीद पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़