दो बार बने हिमाचल के CM, शिक्षा पद्वति में सुधार के लिए कई प्रयास, प्रेम कुमार धूमिल को कितना जानते हैं आप?

Prem Kumar Dhumal
अभिनय आकाश । Apr 10 2022 1:26PM

1982 में प्रेम कुमार धूमल भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष चुने गए। 1984 में हिमाचल प्रदेश के विधायक राज्य के दिग्गज नेता जगदेव चंद ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया तो धूमल को ये जिम्मेदारी मिली।

भारतीय जीवन बीमा निगम में सहायक के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल का जन्म 10 अप्रैल, 1944 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में हुआ। 2017 के हिमाचल विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बनाए गए थे। लेकिन वो अपनी सीट हार गए थे। प्रेम कुमार धूमल इससे पहले दो बार मार्च 1998 से मार्च 2003 तक और फिर 1 जनवरी 2008 से 25 दिसंबर 2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 

इसे भी पढ़ें: पंजाब में 21 दिनों में हुई 19 हत्याएं, CM खा रहे हैं हिमाचल में ठंडी हवाएं, सिद्धू ने साधा AAP सरकार पर निशाना

प्रेम कुमार धूमल ट्विटर पर

ट्विटर पर धूमल के 85 हजार से अधिक फॉलोअर हैं। उन्होंने 2016 में ट्विटर ज्वाइन किया था। वह ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं और वह अपने ट्विटर बैनर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तस्वीर लगा रखी है। शिक्षा पद्वति में सुधार लाने के लिए भी धूमल ने कई प्रयास किए। इनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है राज्य के प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में तीन पक्के कमरों का निर्माण। इन सबके अलावा पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को बिना किसी भेद-भाव के छात्रवृत्ति प्रदान करने की पहल भी प्रेम कुमार धुमल ने ही की थी। अपने प्रशंसनीय प्रयासों को प्रभावी रूप में लागू करने के लिए प्रेम कुमार धुमल को 2 बार गोल्डन पीकॉक अवार्ड भी प्रदान किया गया। 

इसे भी पढ़ें: योगी ने तो फुल डिस्टिंक्शन के साथ पास कर ली अपनी परीक्षा, साल के अंत में होगा बीजेपी आलाकमान का बड़ा इम्तिहान

प्रेम कुमार धूमल का राजनीतिक सफर

1982 में प्रेम कुमार धूमल भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष चुने गए। 1984 में हिमाचल प्रदेश के विधायक राज्य के दिग्गज नेता जगदेव चंद ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया तो धूमल को ये जिम्मेदारी मिली। धूमल वह चुनाव हार गए, लेकिन 1989 और 1991 में जीते। 1996 में उन्हें मेजर जनरल बिक्रम सिंह ने हराया था। 1993 में जगदेव चंद के असामयिक निधन के बाद प्रेम कुमार धूमल की राज्य की राजनीति में एंट्री होती है। 1993 से 1998 तक, वह हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। फिर आता है 1998 का साल जब मार्च के महीने में हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा में बामसन सीट से 18,000 वोटों से जीत दर्ज करने के साथ ही उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने 1998-2003 तक पूरे पांच साल का मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा किया। लेकिन 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिल पाती है और केवल 16 सीटें हासिल कर पाती। प्रेम कुमार धूमिल विपक्ष के नेता बनते हैं। धूमिल के कार्यकाल के दौरान उन्होंने सड़कों के क्षेत्र में विशेष रूप से महत्वपूर्ण ढांचागत परियोजनाएं शुरू की। 2007 के उपचुनाव में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र जीतने के बाद, धूमल ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उपचुनाव की नौबत इसलिए आई क्योंकि भाजपा सांसद सुरेश चंदेल को सवालों के बदले नकद घोटाले में शामिल होने के कारण निष्कासित कर दिया गया था।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़