महागठबंधन के सवालों पर बोले येचुरी, चुनावों से पहले यह संभव नहीं

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[email protected] । Feb 9 2019 6:34PM

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया कि पार्टी पोलित ब्यूरो ने चुनाव पूर्व ‘महागठबंधन’ को नकारते हुये अगले आम चुनाव में राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर चुनावी सहयोग कायम करने का फैसला किया है जिससे भाजपा विरोधी मतों को एकजुट किया जा सके।

नयी दिल्ली। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिये मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव पूर्व महागठबंधन की संभावना से इंकार करते हुये कहा है कि प्रादेशिक स्तर पर विभिन्न धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चुनावी सहयोग की रूपरेखा को पार्टी आगामी तीन और चार मार्च को तय करेगी। 

येचुरी ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि पार्टी पोलित ब्यूरो ने चुनाव पूर्व ‘महागठबंधन’ को नकारते हुये अगले आम चुनाव में राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर चुनावी सहयोग कायम करने का फैसला किया है जिससे भाजपा विरोधी मतों को एकजुट किया जा सके। उन्होंने बताया, ‘अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर आज खत्म हुयी माकपा पोलित ब्यूरो की बैठक में सभी राज्यों की रिपोर्ट के विश्लेषण के आधार पर यह फैसला किया गया है।’

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पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस के साथ चुनावी सहयोग के सवाल पर येचुरी ने कहा कि किस राज्य में किस दल के साथ किस प्रकार का चुनावी सहयोग कायम किया जायेगा, इसकी रूपरेखा आगामी तीन और चार मार्च को पार्टी की केन्द्रीय समिति की बैठक में तय होगी। उन्होंने कहा, ‘जहां तक पश्चिम बंगाल का सवाल है, आप जानते हैं वहां वाममोर्चा में माकपा सहित नौ दल हैं और मोर्चा ने फिलहाल किसी अन्य दल को इसमें शामिल करने का फैसला नहीं किया है। इस पर अभी चर्चा चल रही है। इसके अलावा विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने वाले राजद, राकांपा सहित अन्य दलों के साथ भी बातचीत चल रही है।’

लोकसभा चुनाव के लिये उम्मीदवारों के चयन के सवाल पर भी येचुरी ने कहा कि केन्द्रीय समिति की बैठक के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के चयन में ‘जीतने की संभावना’ ही मुख्य मानक होगा। उन्होंने बताया कि पोलित ब्यूरो ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार द्वारा गोहत्या के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज करने की आलोचना करते हुये इसे रासुका का दुरुपयोग बताया है। पार्टी ने राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ रासुका हटाने की मांग करते हुये कहा कि इस मामले में अपराध से संबंधित कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिये।

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येचुरी ने बताया कि पोलित ब्यूरो ने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद में कथित गड़बड़ी के मामले में हो रहे नये खुलासों का हवाला देते हुये संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को दोहराया है। उन्होंने कहा कि पोलित ब्यूरो ने चालू बजट सत्र के शेष बचे तीन दिनों में जेपीसी गठित करने की मांग की है।

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