Assam की चाय का द्विशताब्दी वर्ष भव्य तरीके से मनाया जाएगा: हिमंत

Himanta Vishwa Sharma
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शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार चाय बागान समुदाय के कल्याण के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, “ 200 वर्षों से, असम की कड़क चाय दुनिया भर में करोड़ों लोगों के दिन की शुरुआत करती आ रही है।

गुवाटाही। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर कहा कि असम चाय के द्विशताब्दी वर्ष को भव्य तरीके से मनाया जाएगा। शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार चाय बागान समुदाय के कल्याण के लिए काम करने को प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, “ 200 वर्षों से, असम की कड़क चाय दुनिया भर में करोड़ों लोगों के दिन की शुरुआत करती आ रही है।’’ उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर हम बागान समुदाय के 70 लाख लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं और भारत के राष्ट्रीय पेय के द्विशताब्दी वर्ष को भव्य तरीके से मनाएंगे।” राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री बिमल बोरा ने भी इस मौके पर चाय बागान समुदाय को बधाई दी।

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बोरा ने ट्विटर पर कहा, “अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर मैं उन सभी चाय श्रमिकों और उद्यमियों को शुभकामनाएं देता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं, जिनके लगातार प्रयासों ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दिया है।” अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर ‘गुवाहाटी टी ऑक्शन सेंटर’ ने रविवार को अपने परिसर में एक स्टॉल लगाया, जो पूरे दिन निशुल्क चाय देगा। राज्य सरकार और ‘टी बोर्ड इंडिया’ ने भी इस अवसर पर यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया है। इसके अलावा, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भी कार्यक्रम हो रहे हैं। असम की चाय अपना 200वां साल मना रही है। सबसे पहले इसकी खोज 1823 में मेजर रॉबर्ट ब्रूस में की थी। देश में वार्षिक चाय उत्पादन में 50 फीसदी हिस्सा असम की चाय का होता है।

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