कांग्रेस का बड़ा आरोप, बीजेपी नेताओं के हैं माओवादियों से संबंध

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कांग्रेस नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती है कि झीरम हमला मामले में षड्यंत्र की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि 25 मई, 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर सुनियोजित हमला किया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर माओवादियों से संबंध होने का आरोप लगाया है। राजधानी रायपुर के राजीव भवन में आज कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के नेताओं के माओवादियों के साथ संबंध होने का आरोप लगाया और कहा कि इतिहास बताता है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के माओवादियों से संबंध रहे हैं और उनके साथ मिलकर राजनीतिक लाभ उठाते रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हाल ही में दंतेवाड़ा में भाजपा के ज़िला उपाध्यक्ष जगत पुजारी को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने नक्सलियों को ट्रैक्टर दिलवाया और अन्य तरह से मदद की। 

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कांग्रेस नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती है कि झीरम हमला मामले में षड्यंत्र की जांच की जाए। उन्होंने कहा कि 25 मई, 2013 को बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर सुनियोजित हमला किया। इस हमले में प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत कांग्रेस के 13 नेता शहीद हुए। इस हमले में 29 लोगों की जान गई और दर्जनों घायल हुए। घटना की जांच एनआईए को सौंपी गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मार्च, 2014 में एनआईए ने नक्सलियों के शीर्ष नेताओं गणपति और रमन्ना को भगोड़ा घोषित किया। जब मई, 2014 में केंद्र में यूपीए की जगह एनडीए की सरकार आई तब जांच पटरी से उतरनी शुरू हुई और अगस्त आते-आते तक जांच की दिशा बदल गई। सितंबर, 2014 में जब पहला आरोपपत्र दाखिल हुआ तो उसमें गणपति और रमन्ना के नाम ग़ायब थे। 

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उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के अंतर्गत काम कर रही एनआईए नहीं चाहती कि षड्यंत्र की कोई भी जांच हो। कांग्रेस के इन आरोपों के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि घटना के दौरान केंद्र में यूपीए की सरकार ने एनआईए जांच की घोषणा की थी और कांग्रेस को एनआईए जांच पर भरोसा करना चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिस समय घटना हुई तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। केंद्र सरकार ने एनआईए जांच का फैसला किया था और राज्य सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। कौशिक ने कहा कि आज देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए है। एसआईटी, एनआईए के ऊपर नहीं है। कांग्रेस को उसपर भरोसा होना चाहिए। भाजपा भी चाहती है कि इस घटना में जो भी दोषी हो, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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