मस्जिद पर देवबंद में जमीयत की सबसे बड़ी बैठक, 25 राज्यों से मुस्लिम संगठन मथुरा, काशी, सिविल कोड पर करेंगे चर्चा

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अभिनय आकाश । May 28 2022 1:27PM

देवबंद के ईदगाह में आयोजित जलसे में करीब 5 हजार मौलाना, इमाम, धर्मगुरु और मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार जलसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अलावा, अलग अलग मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोग, इस्लाम के जानकारों के अलावा कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवी भी आएंगे।

देश में जारी ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद के मुद्दे के बीच उत्तर प्रदेश के देवबंद में मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद का बड़ा सम्मेलन हो रहा है। आज और कल चलने वाली इस बैठक में 25 राज्य से पांच हजार मुस्लिम संगठनों के अगुवा जुटेंगे। मुसलमानों के इस मजबे के सबसे बड़े एजेंडे में ज्ञानवापी श्रृंगार गौड़ी मंदिर विवाद है। कुतुबमीनार और श्रीकृष्ण जन्मभूमि जैसे धार्मिक मुद्दे भी इसमें शामिल हैं। देवबंद में जमीयत से जुड़ेलोगों के जमा होने के मामलों के बीच सुरक्षा भी सख्त कर दी गई है। 

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देवबंद के ईदगाह में आयोजित जलसे में करीब 5 हजार मौलाना, इमाम, धर्मगुरु और मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार जलसे में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अलावा, अलग अलग मुस्लिम संगठनों से जुड़े लोग, इस्लाम के जानकारों के अलावा कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवी भी आएंगे। चर्चा है कि ज्ञानवापी, मथुरा और कुतुबमीनार जैसे मसलों पर बात हो सकती है। जलसे के मद्देनज़र पुलिस प्रशासन सतर्क है और एसएसपी समेत बड़े अधिकारी रात से ही देवबंद में कैंप कर रहे हैं। 

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बैठक का मकसद

बनारस के ज्ञानवापी से लेकर मथुरा के शाही ईदगाह और कुतुबमीनार तक जिस तरह की चर्चाएं इस वक्त देश भर में छिड़ी हुई हैं। उन सब के बीच जमीयत ए उलेमा हिंद  राष्ट्रीय प्रबंधन कमेटी की बैठक में मौलाना मदनी समेत देशभर के मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों का जुटान हुआ है। कहा जा रहा है कि आज की बैठक में करीब 9 से 10 प्रस्ताव पास किए जाएंगे। जिस तरह के कानूनी मुकदमे लगातार आ रहे हैं, प्लेसेज ऑफ वर्सिप एक्ट को लगातार चुनौती दी जा रही है। इन सभी मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। सारे मुद्दों पर मुस्लिम संगठनों का क्या रूख होना चाहिए, क्योंकि ये मामले अभी ज्यादातर उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं। लेकिन ऐसे मामले देशभर से आ सकते हैं। ऐसे में क्या रणनीति होनी चाहिए। किस तरह से कानूनी लड़ाई को आगे ले जाना व सारे मुद्दों पर राजनीतिक दल का क्या रूख है उसको भी समझने की कोशिश होगी। 

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