Bihar Elections: जन सुराज का दावा महिलाओं को बांटी गई राशि विश्व बैंक फंड से

Jan Suraaj
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Ankit Jaiswal । Nov 17 2025 9:27PM

जन सुराज पार्टी ने आरोप लगाया है कि बिहार चुनाव से पहले महिलाओं को दी गई 10,000 रुपये की राशि विश्व बैंक के किसी अन्य प्रोजेक्ट से हटाकर दी गई। पवन वर्मा ने दावा किया कि आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले भारी रकम स्थानांतरित की गई। पार्टी मानती है कि इस कदम का चुनाव परिणामों पर बड़ा असर पड़ा।

जन सुराज पार्टी ने बिहार चुनाव परिणामों के बाद फिर एक नया आरोप सामने रखा है। मौजूद जानकारी के अनुसार पार्टी के प्रवक्ता पवन वर्मा ने दावा किया है कि चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने विश्व बैंक से आए धन को किसी और परियोजना से हटाकर महिलाओं को बांटा है। बता दें कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पहले ही चुनाव को लेकर कई गंभीर सवाल उठा चुके हैं।

पवन वर्मा ने एक इंटरव्यू में कहा कि राज्य की महिला मतदाताओं को चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 10,000 रुपये दिए गए थे। उन्होंने कहा कि यह रकम लगभग 21,000 करोड़ रुपये के फंड से ली गई, जो विश्व बैंक ने एक अलग परियोजना के लिए भेजा था। उनका आरोप है कि आचार संहिता लागू होने से लगभग एक घंटे पहले करीब 14,000 करोड़ रुपये निकालकर 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में भेजे गए हैं।

गौरतलब है कि उन्होंने यह भी कहा कि आरोप सही हों या न हों, इसकी जांच होनी चाहिए। वर्मा ने कहा कि अगर यह जानकारी गलत साबित होती है तो वे माफी मांगेंगे, लेकिन अगर सही निकली तो यह गंभीर नैतिक सवाल खड़े करती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव के दौरान यह अफवाह फैली कि अगर एनडीए सत्ता में नहीं आती तो बाकी का पैसा ट्रांसफर नहीं होगा, जिससे कई महिलाओं में असमंजस बना रहा है।

मौजूद जानकारी के अनुसार बिहार का सार्वजनिक कर्ज लगभग 4.06 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और हर दिन का ब्याज करीब 63 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। वर्मा का कहना है कि इस स्थिति में कोषागार खाली जैसा हो गया है और ऐसे में भारी राशि का अचानक ट्रांसफर कई सवाल खड़े करता है।

उन्होंने यह भी बताया कि कुल चार करोड़ महिलाओं में से 2.5 करोड़ महिलाओं को अभी पैसा नहीं मिला है और चुनाव के दौरान यह माहौल बनाया गया कि लाभ सिर्फ तभी पूरा जमा होगा जब एनडीए को वोट दिया जाएगा। इसी वजह से कई मतदाताओं में असुरक्षा बनी रही है।

सोशल वेलफेयर स्कीमों को लेकर पूछे गए सवाल पर वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद फ्रीबी कल्चर की आलोचना कर चुके हैं, लेकिन बिहार में हालात उलट दिखाई दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की खराब प्रदर्शन का कारण शराबबंदी को हटाने के संभावित वादे को नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि शराब पहले से ही ऊंची कीमत पर आसानी से उपलब्ध है, जिससे महिलाओं पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है।

वर्मा ने स्वीकार किया कि आखिरी समय में 10,000 रुपये के ट्रांसफर और महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई नीतियों का चुनावी नतीजों पर सीधा असर पड़ा है।

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