पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को कहा- कोविड से मरने वालों का आंकड़ा सार्वजनिक करने को लेकर अनिच्छा सही नहीं

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पटना उच्च न्यायालय ने कहा कि, कोविड-19 के मृतकों की संख्या को सार्वजनिक करने को लेकर बिहार सरकार की अनिच्छा सही नहीं है।गौरतलब है कि बिहार सरकार ने कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में इस महीने 3,951 का इजाफा किया था जिससे यह संख्या 5,424 से बढ़कर 9,375 हो गयी थी।

पटना। पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को सार्वजनिक करने को लेकर राज्य सरकार की अनिच्छा सही नहीं है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की एक खंडपीठ ने कोविड प्रबंधन को लेकर शिवानी कौशिक और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने कहा, ‘‘जिस भी कारण से हो, राज्य सरकार कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को सार्वजनिक करने को लेकर अनिच्छुक है जो सही नहीं है। हमारे नजरिये से सरकार का यह रवैया न ही किसी कानून द्वारा संरक्षित है और न ही सुशासन के स्थापित सिद्धांतों के अनुरूप है।’’

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उसने कहा कि पारदर्शिता सुशासन की पहचान है, खासकर आज के युग में जब केंद्र और राज्य दोनों डिजिटल इंडिया और नेशनल डेटा शेयरिंग एंड एसेसिबिलिटी पॉलिसी (एनडीएसएपी), 2012 को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अदालत ने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि क्या बिहार के 10 करोड़ लोगों को राज्य में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या डिजिटल प्लेटफार्म पर जानने का अधिकार है और क्या सरकार का स्वेच्छा से या कानून द्वारा अनिवार्य रूप से खुलासा करने का एक कर्तव्य है।’’ गौरतलब है कि बिहार सरकार ने कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में इस महीने 3,951 का इजाफा किया था जिससे यह संख्या 5,424 से बढ़कर 9,375 हो गयी थी। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह लोगों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने के उनके अधिकार के बारे में जागरूक करे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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