बिक्रम सिंह मजीठिया को नहीं मिली राहत, अदालत ने दो अगस्त तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत

विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को 25 जून को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया और अगले दिन मोहाली ले आया। अदालत ने उन्हें पहले 26 जून को सात दिन की विजिलेंस ब्यूरो रिमांड पर भेजा था और 2 जुलाई को इसे चार दिन के लिए और बढ़ा दिया था।
मोहाली की एक अदालत ने शनिवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। मजीठिया को 14 दिन की रिमांड पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया। वह फिलहाल पटियाला की नई नाभा जेल में बंद हैं और उन्हें 2 अगस्त को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। 6 जुलाई को अदालत ने मजीठिया को चार दिन की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को 25 जून को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार किया और अगले दिन मोहाली ले आया। अदालत ने उन्हें पहले 26 जून को सात दिन की विजिलेंस ब्यूरो रिमांड पर भेजा था और 2 जुलाई को इसे चार दिन के लिए और बढ़ा दिया था। रिमांड के दौरान, अकाली नेता को सराया इंडस्ट्रीज से जुड़े सबूत जुटाने के लिए गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) और दिल्ली ले जाया गया। मजीठिया (49) ने एक जुलाई को संपत्ति मामले के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया था क्योंकि वह आप सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखर हैं।
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पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने इससे पहले 25 जून को मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित तौर पर ₹540 करोड़ के ड्रग मनी की लॉन्ड्रिंग शामिल थी। मजीठिया के खिलाफ दर्ज की गई नई एफआईआर में, सतर्कता ब्यूरो ने दावा किया था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 540 करोड़ रुपये से अधिक के ड्रग मनी को कई तरीकों से लॉन्ड्र किया गया है, और कथित तौर पर मजीठिया ने इसमें मदद की थी। मजीठिया के खिलाफ यह एफआईआर पंजाब पुलिस के एक विशेष जांच दल द्वारा 2021 के ड्रग मामले में की जा रही जांच से उपजी है।
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