संसद में बिना डिबेट पास हो रहे बिल, जिसके कारण बढ़ रही मुकदमेबाजी, CJI ने कहा- पहले होती थीं ज्ञानवर्धक बहस

CJI
अभिनय आकाश । Aug 15 2021 5:18PM

जस्टिस रमन्ना ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। हमें आज के दिन नए सिरे से सोचने और अपनी नीतियों की नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि आजादी के बाद शुरुआती सालों में संसद में मौजूद सांसदों और स्वतंत्रता सैनानी में से ज्यादातर वकील होते थे।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने इस बात पर खेद जताया है कि संसद में बिल पास करते समय उस पर बहस नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट बॉर एसोसिएशन द्वारा 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर सीजेआई ने कहा कि बहस न होने की वजह से कई ऐसे कानून भी पास हुए जिनमें कुछ कमियां थी। कार्यक्रम में चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि कानून पास करते वक्त संसद में उचित बहस की कमी दिखती है। कानूनों पर बहस न होने की वजह से भी कोर्ट तक आने वाले मामले बढ़ते हैं। बिना बहस के किसी भी नए कानून के बारे में थाह नहीं ली जा सकती। उसका इरादा और विषयवस्तु पता नहीं चल सकता। 

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जस्टिस रमन्ना ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। हमें आज के दिन नए सिरे से सोचने और अपनी नीतियों की नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि आजादी के बाद शुरुआती सालों में संसद में मौजूद सांसदों और स्वतंत्रता सैनानी में से ज्यादातर वकील होते थे। उन्होंने कहा कि इस वजह से संसद में ज्ञानवर्धक बहस होती थीं. चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि वकील बिरादरी को अब इसके लिए आगे आना चाहिए।  

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