Odisha में BJD-BJP का हो सकता है गठबंधन, नवीन पटनायक ने बुलाई बड़ी बैठक, PM के दौरे से मिले थे संकेत

BJD BJP
ANI
अंकित सिंह । Mar 6 2024 7:56PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो मंगलवार को ओडिशा में थे, ने कहा कि भाजपा सरकार ओडिशा को विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत का प्रवेश द्वार बनाने की कोशिश कर रही है। जाजपुर जिले के चंडीखोले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ओडिशा में भारी निवेश किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) के साथ गठबंधन कर सकती है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। खबर यह भी है कि बीजेपी के साथ सीट बंटवारे और गठबंधन की अटकलों के बीच बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के भुवनेश्वर स्थित आवास पर पहुंचे। ओडिशा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं। 2019 के चुनावों में, बीजेडी ने 12 सीटें जीतीं, भगवा पार्टी को 8 सीटें मिलीं जबकि एक सीट कांग्रेस को मिली।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो मंगलवार को ओडिशा में थे, ने कहा कि भाजपा सरकार ओडिशा को विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत का प्रवेश द्वार बनाने की कोशिश कर रही है। जाजपुर जिले के चंडीखोले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ओडिशा में भारी निवेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान विपक्ष पर जमकर हमला बोला। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा की नवीन पटनायक की सरकार पर किसी तरह की बात कहने से बचते दिखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस व्यवहार के साथ ही भाजपा और बीजेडी के बीच गठबंधन की अटकलें भी तेज हो गई थी। हालांकि बीजेपी और बीजेडी दोनों ही पार्टियों ने अब तक गठबंधन को लेकर किसी तरह की टिप्पणी खुलकर नहीं की है। दोनों दलों के नेता लगातार गठबंधन की संभावना से बचते दिख रहे है। 

नवीन पटनायक और भाजपा

चाहे यूपीए हो या एनडीए, भारत सरकार के साथ स्थिर संबंधों से नवीन पटनायक को फायदा होता है। ओडिशा की अधिकांश लोकसभा सीटें जीतने का उनका रिकॉर्ड मोदी की लोकप्रियता से भी नहीं टूटा। हालांकि, मोदी और पटनायक के प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। उनके अच्छे संबंध हैं। लेकिन ओडिशा में बीजेपी ने बीजेडी के वोटों में सेंध लगा ली है। दोनों पार्टियाँ हमेशा एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी नहीं थीं। 1997 में अपने पिता की मृत्यु के बाद नवीन पटनायक ने पहली बार चुनावी राजनीति में प्रवेश किया और उपचुनाव जीता। जब एक साल बाद जनता दल विभाजित हो गया, तो पटनायक ने अपनी पार्टी बनाई और केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री बने। इससे नई क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी की राजनीतिक शुरुआत हुई, जो आज तक ओडिशा पर शासन कर रही है। बाद में 2000 में, बीजद और भाजपा ने ओडिशा में गठबंधन सरकार बनाई, जिसमें पटनायक मुख्यमंत्री बने। भगवा पार्टी के साथ गठबंधन में, पटनायक ने 1998, 1999 और 2004 में तीन लोकसभा चुनाव और साथ ही 2000 और 2004 में दो विधानसभा चुनाव भी लड़े। 2008 में दोनों दलों के बीच गठबमधन टूट गईं।

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दोनों दलों के बीच अनौपचारिक सौहार्द हमेशा एक-दूसरे के लिए आपसी समर्थन पर आधारित रहा है। मोदी सरकार ने अतिरिक्त उधार अनुमति के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन देकर ओडिशा की मदद की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य को वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए 2,725 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति मिली है। दोनों पार्टियों के बीच अच्छे संबंध इस बात से भी जाहिर होते हैं कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के अनुरोध पर बीजद ने अश्विनी वैष्णव (निवर्तमान केंद्रीय रेल मंत्री) को राज्यसभा के लिए नामित किया। नवीन पटनायक ये बाद हमेशा मानते है कि केंद्र के साथ रिश्ते बनाकर ही राज्य को विकसित किया जा सकता है। 

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