BJP का कांग्रेस पर बड़ा वार, सुधांशु त्रिवेदी बोले- मोहब्बत की दुकान नफरत फैलाने के कारोबार में है

Sudhanshu Trivedi
ANI
अंकित सिंह । Mar 26 2024 2:36PM

त्रिवेदी ने दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के सांस्कृतिक मंत्री शिवराज तंगदागी ने कहा है कि 'मोदी, मोदी' के नारे लगाने वाले छात्रों को थप्पड़ मारना चाहिए। मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो रोते रहते हैं कि देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है, क्या राजनीतिक नारे लगाने पर किसी को थप्पड़ मारना उचित है?

भाजपा ने एक बार फिर से कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर बड़ा वार किया है। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज कहा कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया ज्यों-ज्यों आगे बढ़ती जा रही है, त्यों-त्यों अपनी हा​र को निश्चय देखते हुए इंडी अलायंस के नेताओं की निराशा, हताशा, कुंठा जहरीली जुबान के रूप में बाहर आ रही है। उन्होंने कहा कि पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अनेक प्रकार के आपत्तिजनक, अभद्र, निंदनीय बयान दिए गए। अब भारत के अंदर विभाजनकारी व राष्ट्र की एकता पर आघात करने वाले बयानों तक आ गए हैं। अब, ऐसा लगता है कि यह तथाकथित 'मोहब्बत की दुकान' नफरत फैलाने के कारोबार में है।

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त्रिवेदी ने दावा किया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के सांस्कृतिक मंत्री शिवराज तंगदागी ने कहा है कि 'मोदी, मोदी' के नारे लगाने वाले छात्रों को थप्पड़ मारना चाहिए। मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो रोते रहते हैं कि देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है, क्या राजनीतिक नारे लगाने पर किसी को थप्पड़ मारना उचित है? मैं कांग्रेस नेतृत्व से पूछना चाहता हूं कि क्या यह वही कांग्रेस है जो कभी महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर काम करती थी। उन्होंने कहा कि यह संकेत है कि वे हार की हताशा के कारण हिंसक हो सकते हैं... राहुल गांधी की कांग्रेस का गांधी की कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। INDI गठबंधन सिर्फ हार की ओर ही नहीं बल्कि आत्म-विनाश की ओर भी बढ़ रहा है। 

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उन्होंने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए पर बोलते-बोलते एक विचित्र बयान दिया। उन्होंने कहा, 'भारत माता की जय और जय हिंद के नारे पहले दो मुसलमानों ने लगाए थे, इसलिए क्या इस नारे को त्याग देंगे।' नारा किसी भारतीय ने लगाया इन्हें ये नहीं दिखाई पड़ता है, उसमें हिंदू और मुसलमान दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि सियासत के मकड़ जाल में इन लोगों ने भारत की एकता के प्रतीक उद्घोषों को सांप्रदायिकता का प्रतीक बनाने का प्रयास किया। कृपया भारत की एकता और भारत के गौरव के उद्घोषों के ऊपर विभाजनकारी राजनीति से परहेज करें।

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