गुजरात, हिमाचल की जीत का बंगाल में असर पड़ेगाः मुकुल रॉय
भाजपा नेताओं का मानना है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरण अस्थिर कर दिए हैं और इसके राज्य की राजनीति पर दूरगामी परिणाम पड़ेंगे।
कोलकाता। भाजपा नेताओं का मानना है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक समीकरण अस्थिर कर दिए हैं और इसके राज्य की राजनीति पर दूरगामी परिणाम पड़ेंगे। कुछ नेताओं का मानना है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी अब भगवा दल के खिलाफ अपने हमलों की तीक्ष्णता कुछ हद तक कम कर देगी। भाजपा की जीत ने पार्टी के राज्य नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं को अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारी के लिए एक मजबूत पृष्ठभूमि प्रदान की है।
भाजपा नेता मुकुल रॉय ने कहा, ‘‘नतीजों का पश्चिम बंगाल की राजनीति पर बड़ा प्रभाव होगा। यह आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में एक नए सियासी मंथन की शुरूआत करेगा, जहां भाजपा लाभ की स्थिति में होगी।’’ पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के कई नेता आने वाले दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं जिससे सत्तारूढ़ पार्टी को परेशानी हो सकती है। एक समय में तृणमूल में नंबर दो का कद रखने वाले रॉय पिछले माह ही भाजपा में शामिल हुए थे।
भाजपा ने गुजरात में 99 और हिमाचल प्रदेश में 44 सीटों के साथ सत्ता में आने का जश्न मनाने के लिए सोमवार रात सबांग में एक विजय रैली निकाली थी। सबांग में 21 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं। भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, ‘‘हमारा अगला लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। यह जीत आगामी पंचायत चुनाव में जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को यकीनन प्रेरित करेगी। हमें विश्वास है कि पश्चिम बंगाल के लोग इस भ्रष्ट तृणमूल सरकार के कुशासन से मुक्ति चाहते हैं।’’
बहरहाल, तृणमूल सरकार ने भाजपा के दावों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया और कहा कि ये दावे राजनीतिक तर्क पर आधारित नहीं है। तृणमूल के सदस्य एवं सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ‘‘गुजरात चुनाव के नतीजों का पश्चिम बंगाल की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर आप गुजरात के नतीजों का आकलन करेंगे, तो आप पाएंगे की भाजपा का गुजरात विकास मॉडल औंधे मुंह गिर गया है, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।’’
दूसरी ओर, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान (कांग्रेस) ने तृणमूल को दोहरे मानकों वाली पार्टी करार देते हुए उसके नेताओं पर अपने फायदा के लिए भाजपा को खुश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
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