सिद्धारमैया का दावा, येदियुरप्पा को CM बनाने में नहीं थी भाजपा की दिलचस्पी

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[email protected] । Sep 9 2019 8:27PM

सिद्धरमैया ने कहा कि वह पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन कभी ऐसी चीजों में लिप्त नहीं हुए। उन्होंने कहा कि यद्यपि यदि कोई अनियमितता या भ्रष्टाचार है तो इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा होनी चाहिए।

बेंगलुरू। कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने सोमवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा एक ‘‘अवांछित बच्चे’’ की तरह हैं क्योंकि उनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी कि वह इस शीर्ष पद पर आसीन हों। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि येदियुरप्पा पीछे के दरवाजे से जनादेश के बिना सत्ता में आये हैं।  सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘वह पीछे के दरवाजे से जनादेश के बिना और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ सत्ता में आये। उनके पास जनादेश नहीं था क्योंकि सामान्य बहुमत के लिए जरूरी 113 विधायकों में से उनके पास मात्र 105 विधायक हैं।’’ उन्होंने यहां कांग्रेस कार्यालय में कहा कि यदि वह जनादेश के साथ मुख्यमंत्री बने होते तो पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होती। कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उलट येदियुरप्पा जनादेश के बिना मुख्यमंत्री बने हैं...मुझे नहीं पता कि वह कितने समय तक मुख्यमंत्री रहेंगे..येदयुरप्पा एक अवांछित बच्चे की तरह हैं, भाजपा की उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में दिलचस्पी नहीं थी...।’’ 

सिद्धरमैया ने हाल में कई मौकों पर येदियुरप्पा सरकार के गिरने की भविष्यवाणी की है, जिससे कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव होगा।  कांग्रेस..जदएस सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा को 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गई थी और उसके बाद उन्होंने 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित किया था। विश्वासमत के दौरान कांग्रेस...जदएस के 17 विधायकों के अनुपस्थित रहने के चलते एच डी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार गिर गई थी और उससे भाजपा के सत्ता में आने में मदद मिली थी। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने येदियुरप्पा पर सत्ता में आने के बाद अधिकारियों के स्थानांतरण और बदले की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्होंने कुछ और किया है? लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बावजूद कोई उचित राहत उन्हें नहीं दी गई है।’’ सिद्धरमैया ने कहा कि जो ऐसी राजनीति कर रहे हैं लोग उन्हें एक सबक सिखाएंगे। 

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सिद्धरमैया ने कहा कि वह पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन कभी ऐसी चीजों में लिप्त नहीं हुए। उन्होंने कहा कि यद्यपि यदि कोई अनियमितता या भ्रष्टाचार है तो इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा होनी चाहिए।  राज्य सरकार ने हाल में कृषि भाग्य योजना में 921 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता की जांच का आदेश दिया है जब सिद्धरमैया मुख्यमंत्री थे।  सिद्धरमैया ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील पर भी निशाना साधा।  कतील ने कथित रूप से आरोप लगाया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी के शिवकुमार के खिलाफ मामले दर्ज होने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री हैं क्योंकि पार्टी में उनकी बढ़त उन्हें अच्छी नहीं लग रही थी। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय किसके नियंत्रण में हैं?...राजनीतिक द्वेष के चलते ऐसे बयान दिये जा रहे हैं जिसका इरादा परेशानी उत्पन्न करना है। मुझे नहीं पता कि भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को (प्रदेश) पार्टी अध्यक्ष क्यों बनाया जिसे मूलभूत ज्ञान या समझ नहीं है और जो देश और राज्यों की राजनीति नहीं जानता।’’ उन्होंने ईवीएम की जगह मतपत्र पर जोर दिया और कहा कि सभी दलों को इसके लिए संघर्ष करना होगा।

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