बम बनाने वाली गाइड, जीपीएस नेविगेटर, मूर्तिपूजक को मार डालने का निर्देश, जानें PFI पर छापेमारी के दौरान जांच एजेंसियों को क्या-क्या मिला?
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इंडिया टुडे को मिले विशेष दस्तावेजों से पता चला है कि केंद्रीय एजेंसियों ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की, जिसके कारण पीएफआई के कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।
नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इंडिया टुडे को मिले विशेष दस्तावेजों से पता चला है कि केंद्रीय एजेंसियों ने छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की, जिसके कारण पीएफआई के कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। 22 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 राज्यों में पीएफआई के खिलाफ तलाशी ली, जिसमें 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया। दूसरे दौर की छापेमारी मंगलवार को आठ राज्यों में हुई। छापेमारी के दौरान, एजेंसियों ने विस्फोटक और निगरानी उपकरण बनाने के लिए एक गाइड सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की।
ये आपत्तिजनक सामग्री इस प्रकार है-
- बाराबंकी के पीएफआई नेता मोहम्मद नदीम और उत्तर प्रदेश के खदरा से अहमद बेग नदवी के पास से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने का गाइड बरामद किया गया। दस्तावेज़ का शीर्षक है 'आसानी से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके आईईडी कैसे बनाया जाए, इस पर एक संक्षिप्त पाठ्यक्रम'। दस्तावेज़ यह भी कहता है कि "जहां कहीं भी आप मूर्तिपूजक को पाते हैं, उससे लड़ें और मार डालें"।
- तमिलनाडु के रामनाड जिले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के जिलाध्यक्ष बराकथुल्ला के आवास से दो लोवरेंस एलएचआर-80 बरामद किए गए। Lowrance LHR-80 जीपीएस के साथ एक हैंडहेल्ड रेडियो और नेविगेटर है।
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पीएफआई पर बैन
सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’ होने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। पीएफआई और उसके नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत प्रतिबंधित संगठनों में ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ के नाम शामिल हैं। इस 16 साल पुराने संगठन के खिलाफ मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी के बाद 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। इससे पांच दिन पहले भी देशभर में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जबकि काफी संख्या में संपत्तियों को भी जब्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से भी जुड़े हैं। जेएमबी और सिमी दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं।
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अधिसूचना में कहा गया कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर तबकों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अपने अलग-अलग मोर्चे बनाए, जिसका एकमात्र लक्ष्य अपना विस्तार करना, प्रभाव बढ़ाना और धन एकत्रित करना रहा। केंद्र ने एक अन्य अधिसूचना में राज्य सरकारों को उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया, जो पीएफआई से जुड़े थे। उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है और संपत्ति आदि जब्त भी की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन सहयोगियों या संबद्ध संगठनों या मोर्चों का ‘‘चोली दामन’’ का साथ है। आयकर विभाग ने ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ का पंजीकरण भी रद्द कर दिया है।
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