Bhima Koregaon: जमानत की पाबंदियों में ढील, बॉम्बे हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को दिल्ली लौटने की अनुमति दी,

Bhima Koregaon
ANI
अभिनय आकाश । Dec 18 2025 7:15PM

नवलाखा को यह भी आदेश दिया गया है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने के समय वे ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहें और एनआईए के निर्देशानुसार उसके बाद की हर सुनवाई में भी शामिल हों। हालांकि, उन्हें जरूरत पड़ने पर मुंबई की NIA स्पेशल कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत से छूट मिलने पर ही वे गैर हाजिर हो सकते है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एल्गर परिषद-माओवादी संबंधों के मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने तक मुंबई से दिल्ली स्थित उनके आवास पर स्थानांतरित होने की अनुमति दी। अदालत के इस फैसले में कुछ शर्तें भी हैं। 74 वर्षीय नवलाखा को अपना पासपोर्ट राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने के लिए कहा गया है और उन्हें एनआईए की विशेष अदालत से पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह अदालत एल्गर परिषद-भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नवलाखा समेत 16 आरोपियों पर मुकदमा चला रही है। नवलाखा को यह भी आदेश दिया गया है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने के समय वे ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहें और एनआईए के निर्देशानुसार उसके बाद की हर सुनवाई में भी शामिल हों। हालांकि, उन्हें जरूरत पड़ने पर मुंबई की NIA स्पेशल कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत से छूट मिलने पर ही वे गैर हाजिर हो सकते है। हर शनिवार को नवलखा को दिल्ली के स्थानीय पुलिस स्टेशन में हाजरी लगानी होगी। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। वे अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली नहीं छोड़ सकते। आरोप तय होने के दौरान भी उन्हें मुंबई आना होगा।

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पिछले दिनों नवलखा ने याचिका दायर कर कहा था कि मुंबई में रहना खर्चीला है इसलिए उन्हें दिल्ली स्थित उनके घर में लौटने की अनुमति दी जाए। दरअसल एनआईए की विशेष अदालत ने नवलखा को बेल देते समय शर्त लगाई थी कि वे अदालत की अनुमति के बिना मुंबई के बाहर नहीं जा सकते है। नवलखा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बेल मिलने के बाद दो सालों से वह अपने परिवार से अलग मुंबई में रह रहे थे। बेंच ने कहा कि नवलखा को अपनी स्वतंत्रता का अधिकार है लेकिन अभी तक वे स्वतंत्र व्यक्ति नहीं है। अदालत ने मंगलवार को मौखिक रूप से कहा था कि नवलखा के 'देश से फरार होने का खतरा' नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जब उन्होंने भागने की कोशिश की हो।

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