ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण, अरब सागर में किया गया टारगेट

BrahMos
अभिनय आकाश । Oct 18 2020 3:48PM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। INS चेन्नई से अरब सागर में टारगेट किया गया था।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भारतीय नौसेना के स्वदेशी-निर्मित स्टील्थ विध्वंसक से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। INS चेन्नई से अरब सागर में टारगेट किया गया था। मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट को सफलतापूर्वक हिट किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। 

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दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल 'मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है।  

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एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 

 पिछले कुछ सप्ताह में भारत ने कई मिसाइलों का परीक्षण किया है, जिनमें सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 शामिल हैं। भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी परीक्षण किया है। रूद्रम-1 के सफल परीक्षण को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि यह भारत का प्रथम स्वदेश विकसित एंटी रेडिएशन हथियार है। मिसाइलों का परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध चल रहा है। भारत ने 30 सितंबर को ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले नये प्रारूप का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी (जो मूल रूप से थी) से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है। भारत ने लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर सामरिक महत्व के कई स्थानों पर काफी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात किया हैं। 

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