कश्मीर में अब BSF जवान की हत्या, परिवारजनों पर भी हमला

BSF jawan assassination in Kashmir, attack on family members

कश्मीर में एक बार फिर से सेना के जवान की हत्या हुई है। उत्तरी कश्मीर के हाजिन बांडीपोर में लश्करे तौयबा के आतंकियों ने छुट्टी पर घर आए बीएसएफ के एक जवान को उसके ही घर में गोलियों से भून डाला।

श्रीनगर, 28 सितम्बर। कश्मीर में एक बार फिर से सेना के जवान की हत्या हुई है। उत्तरी कश्मीर के हाजिन बांडीपोर में लश्करे तौयबा के आतंकियों ने छुट्टी पर घर आए बीएसएफ के एक जवान को उसके ही घर में गोलियों से भून डाला। आतंकियों की फायरिंग में शहीद बीएसएफ जवान के पिता, भाई व फूफी जख्मी हो गए।

बीते छह माह के दौरान कश्मीर घाटी में सेना या केंद्रीय अर्धसैनिक बल में तैनात किसी स्थानीय युवक की आतंकियों द्वारा हत्या की यह दूसरी वारदात है। इससे पूर्व आतंकियों ने 10 मई को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को अगवा कर मौत के घाट उतार दिया था। वह भी अवकाश पर घर आए हुए थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन से चार आतंकियों का एक दल बुधवार रात आठ बजे के करीब पर्रे मोहल्ले में स्थित गुलाम अहमद के घर दाखिल हुए। कहा जाता है कि आतंकियों ने उसके घर में शरण लेनी चाही थी। उस समय गुलाम अहमद का बड़ा पुत्र रमीज अहमद जो कि बीएसएफ का जवान है और कुछ दिन पहले ही राजस्थान से छुट्टी पर घर लौटा है, ने आतंकियों को चले जाने को कहा। इस पर उसकी आतंकियों के साथ बहस व धक्कामुक्की भी हो गई। मामला बिगड़ता देखा आतंकी वहां से चले गए।

कुछ ही देर बाद आतंकी दोबारा लौट आए। इस बार उनकी तादाद ज्यादा थी। उन्होंने पूरे परिवार को एक जगह जमा किया और उसके बाद उन्होंने रमीज व उसके भाई मुमताज को अपने साथ चलने के लिए कहा। लेकिन रमीज ने आतंकियों का प्रतिरोध करते हुए एक आतंकी पर काबू पा उसकी राइफल छीनने का प्रयास किया। उसे आतंकियों के साथ भिड़ते देख परिवार के अन्य लोगों ने भी प्रतिरोध शुरू कर दिया।

इस पर आतंकियों ने उन पर अंधांधुंध फायरिंग कर दी। गोलियां लगने पर रमीज, उसका भाई, पिता और फूफी जमीन पर गिर पड़े। आतंकी उन्हें मरा समझ वहां से भाग गए। वहीं गोलियों की आवाज सुनते ही निकटवर्ती शिविरों से सुरक्षा बल के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घर के आंगन में घायल पड़े चारों लोगों को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने रमीज को मृत घोषित कर दिया।

यह घटना बुधवार की है बीएसएफ जवान छुट्टी पर आया हुआ था और उसे उसके घर से बाहर निकालकर आतंकियों ने गोली मारी। यह घटना बांदीपोर जिले के हाजिन की है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस चीफ एसपी वैद ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि तीन से चार आतंकी 33 वर्षीय रमीज़ अहमद पर्रे के घर में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। आतंकियों ने पर्रे को उसके घर से बाहर निकाला और उसकी हत्या कर दी। पर्रे के तीन परिजनों को गंभीर चोटें आईं। उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं इस मामले पर बीएसएफ ने कहा कि आतंकियों ने पर्रे की कायर्तापूर्वक हत्या की है। पर्रे बीएसएफ के 73 बटालियन के जवान थे जो कि छुट्टियों पर घर गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं है की किस आतंकवादी संगठन का पर्रे की हत्या के पीछे हाथ है लेकिन हाजिन में लश्कर-ए-तैयबा कैडर्स का बहुत ही मजबूज अस्तित्व है। बता दें कि सरहद और ग्रामीण इलाकों से आने वाले कई कश्मीरी युवा सेना और पेरामिलिट्री फॉर्स में देश के लिए सेवा देते हैं। पहले घाटी में इन युवाओं को आतंकी अपना निशाना नहीं बनाते थे लेकर अब काफी बदलाव आ गया है और आतंकी घाटी के सेना जवानों को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं।

बीएसएफ जवान रमीज अहमद को जिस तरह से उनके घर के भीतर गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है, उसके बाद उनके घर पर मातम पसरा है। बांदीपोर में उनके घर पर तमाम लोग जमा हुए हैं और रमीज की मौत के बाद शोक जता रहे हैं। आतंकियों ने रमीज अहमद के घर में घुसकर ना सिर्फ उन्हें मौत के घाट उतारा बल्कि उनके परिवार के सदस्यों पर भी हमला किया।

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