बुलंदशहर हिंसा: उत्तर प्रदेश पुलिस को आ रही है साजिश की बू

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[email protected] । Dec 5 2018 3:40PM

उन्होंने बताया कि इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है, एक गौकशी की और दूसरी उसके बाद हुई हिंसा की। दोनों मामलों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों प्राथमिकियों में नामजद लोगों की पहचान जाहिर नहीं की जा रही है।

लखनऊ। बुलंदशहर में हुई हिंसा की घटना पुलिस को किसी की शरारत नहीं बल्कि जानबूझकर बाबरी मस्जिद कांड की बरसी से पहले सामाजिक सौहार्द खराब करने की कोशिश लग रही है। घटना की जांच के दौरान पुलिस इस बात पर खास तवज्जोह दे रही है कि आखिर गौकशी के लिए यह तारीख क्यों और किसने चुनी? पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बुधवार को बातचीत में कहा, ‘‘मैं इसे सिर्फ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता। यह किसी साजिश का हिस्सा था और हम इसकी जांच कर रहे हैं। हम जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर गौकशी कर उसके हिस्से खेतों में फेंकने के लिए तीन दिसंबर की तारीख क्यों चुनी।’’

उन्होंने बताया कि इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है, एक गौकशी की और दूसरी उसके बाद हुई हिंसा की। दोनों मामलों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि दोनों प्राथमिकियों में नामजद लोगों की पहचान जाहिर नहीं की जा रही है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से कहा है कि वह पता करे कि इस घटना और उसके षड्यंत्र के पीछे किसका हाथ है।’’ प्रदेश पुलिस प्रमुख से जब पूछा गया कि क्या यह छह दिसंबर, बाबरी मस्जिद घटना की बरसी से पहले प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है, सिंह ने कहा, 'हम सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं। इसमें गौकशी की जगह और वक्त दोनों शामिल हैं।'

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तत्परता से कार्रवाई करते हुए हालात संभालने के लिए स्थानीय पुलिस की तारीफ करते हुए सिंह ने कहा कि पुलिस ने वक्त पर संभाल लिया नहीं तो हालात और खराब हो सकते थे। वहां से 40 किलोमीटर दूर मुसलमानों का तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा चल रहा था जिसमें लाखों की संख्या में दूर दराज से आये मुसलमान शामिल थे। बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक युवक की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी काफी सख्त दिखे। मंगलवार रात उन्होंने घटना की समीक्षा कर निर्देश दिया कि इसकी गंभीरता से जाँच कर गौकशी में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि घटना एक बड़े षड्यंत्र का भाग है। अतः गोकशी से संबंध रखने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सभी तत्वों को समयबद्ध रूप से गिरफ्तार किया जाए।

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मुख्यमंत्री ने मारे गए युवक सुमित के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि 19 मार्च 2017 से अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस घटना के क्रम में सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि जिलास्तर पर ऐसे अवैध कार्य किसी भी दशा में न हों। यह उनकी सामूहिक जिम्मेदारी होगी। उन्होंने मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को इस आदेश का जिले स्तर पर अनुपालन सख्ती से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि अभियान चलाकर माहौल खराब करने वाले तत्वों को बेनकाब कर इस प्रकार साजिश रचने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए।

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