मध्य प्रदेश में इस साल भी गेहूँ का बंपर उत्पादन, पूरे देश में ऑल टाइम रिकार्ड उपार्जन करने वाला दूसरा प्रदेश बना

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Dinesh shukla । May 16 2020 10:32PM

समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। पहले स्थान पर पंजाब में इस वर्ष एक करोड़ 21 लाख 64 हजार 157 मीट्रिक टन गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है

भोपाल। मध्य प्रदेश में इस बार गेहूँ का समर्थन मूल्य पर रिकार्ड उपार्जन किया गया है। कोरोना संकट के होते हुए भी मात्र एक माह की अवधि में 12 लाख 61 हजार 764 किसानों से 87 लाख 43 हजार 214 मीट्रिक टन गेहूँ समर्थन मूल्य पर उपार्जित कर लिया गया है, जो कि मध्यप्रदेश के लिये ऑल टाइम रिकार्ड है। साथ ही समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। पहले स्थान पर पंजाब में इस वर्ष एक करोड़ 21 लाख 64 हजार 157 मीट्रिक टन गेहूँ की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहाँ अभी तक इस वर्ष 14 लाख 79 हजार 51 मीट्रिक टन समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जित हुआ है। इसके पहले वर्ष 2012 में मध्यप्रदेश में 10 लाख 26 हजार 988 किसानों से सर्वाधिक 84 लाख 89 हजार 587 मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया गया था। उपार्जन के अंतर्गत एक दिवस में 64 हजार 244 किसानों से 4 लाख 98 हजार 578 मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा गया, इतनी मात्रा में एक दिवस में गेहूँ कभी नहीं खरीदा गया।

 

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में प्रदेश में गेहूँ उपार्जन कार्य की समीक्षा के दौरान प्रदेश में हुए इस उत्कृष्ट कार्य के लिये खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला सहित पूरी टीम की सराहना की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकट के समय में किसानों के गेहूँ का तत्परता से उपार्जन किये जाने तथा किसानों के खातों में त्वरित गति से राशि आ जाना किसानों के लिये बड़ी राहत है। उन्होंने निर्देश दिये कि गेहूँ की बम्पर आवक को देखते हुए प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के लिये निर्धारित लक्ष्य 100 लाख मीट्रिक टन से अधिक लगभग 100 लाख 10 हजार मीट्रिक टन के उपार्जन की व्यवस्था की जाये।

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मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि गेहूँ उपार्जन के साथ ही उसका त्वरित गति से परिवहन एवं भण्डारण भी सराहनीय है। उपार्जित गेहूँ में से 72 लाख 80 हजार मीट्रिक टन की मात्रा का परिवहन एवं भण्डारण कराया जा चुका है। उपार्जन के अंतर्गत 10 लाख किसानों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। अन्य राज्यों में इस वर्ष गेहूँ उपार्जन के अंतर्गत अभी तक राजस्थान में 6 लाख 49 हजार 440 मी. टन, उत्तराखण्ड में 25 हजार 689 मी. टन, चंडीगढ़ में 10 हजार 953 मी. टन, दिल्ली में 18 मी. टन, गुजरात में 14 हजार 610 मी. टन, हिमाचल प्रदेश में 2457 मी. टन तथा जम्मू-कश्मीर में 11 हजार मी. टन गेहूँ का अभी तक उपार्जन किया गया है।

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प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 63 लाख 53 हजार मी. टन, वर्ष 2014-15 में 72 लाख 1 हजार मी. टन, वर्ष 2015-16 में 73 लाख 10 हजार मी. टन, वर्ष 2016-17 में 39 लाख 91 हजार मी. टन, वर्ष 2017-18 में 67 लाख 25 हजार मी. टन, वर्ष 2018-19 में 73 लाख 16 हजार मी. टन तथा वर्ष 2019-20 में 73 लाख 69 हजार मी. टन गेहूँ का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि इन वर्षों में उक्त कार्य पूरी उपार्जन अवधि लगभग 50 दिन में किया गया था, जबकि इस वर्ष खरीदी प्रारंभ होने के एक महीने की अवधि में ही इससे अधिक गेहूँ का उपार्जन किया गया है।

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