Uttar Pradesh में पांचवें चरण के लिए प्रचार थमा, 20 को वोटर सुनायेगें फैसला

Fifth phase Lok Sabha elections in UP
Prabhasakshi
अजय कुमार । May 18 2024 6:21PM

यूपी की राजधानी लखनऊ के आसपास की अवध की सीटों में प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की वह लोकसभा सीट शामिल हैं जहां प्रभु श्रीराम लला का मंदिर निर्माण करके इसे बीजेपी ने अपना प्रमुख एजेंडा बना लिया है तो इस चरण में रायबरेली और अमेठी में भी जबर्दस्त रण देखने को मिलेगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिये 18 मई शाम को चुनाव प्रचार थम गया है। प्रचार थमने मे बाद नेतागण जनसम्पर्क में जुट गये हैं। घर-घर जाकर वोट की अपील की जा रही है। 20 मई को पांचवें चरण में 14 लोकसभा सीटों व विधान सभा की एक सीट पर पर मुकाबला होना है। 14 लोकसभा सीटों पर 144 तो वहीं पूर्वी लखनऊ की एक विधान सभा सीट पर चार उम्मीदवार मैदान में हैं। 14 में से 10 सीटें सामान्य तो चार अनुसूचति जाति के लिये आरक्षित है। चुनाव प्रचार थमने के बाद विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में सभी राजनैतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की मौजूदगी पूर्णतया प्रतिबंधित कर दी गई है। वहीं प्रशासनिक अमला भी सक्रिय हो गया है। बढ़ती गर्मी को देखकर मतदेय स्थलों पर छांव और पानी की भी व्ययवस्था की जा रही है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये मतदान के दिन पोलिंग बूथ के अंदर मोबाइल, स्मार्ट फोन और वायरलेस सेट आदि ले जाना प्रतिंधित रहेगा। इस चरण में कई हाई प्रोफाइल सीटों पर जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। लखनऊ, रायबरेली, अयोध्या, अमेठी, कैसरगंज की लोकसभा सीटों पर खासकर सबकी नजर है। 

यूपी की राजधानी लखनऊ के आसपास की अवध की सीटों में प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या की वह लोकसभा सीट शामिल हैं जहां प्रभु श्रीराम लला का मंदिर निर्माण करके इसे बीजेपी ने अपना प्रमुख एजेंडा बना लिया है तो इस चरण में रायबरेली और अमेठी में भी जबर्दस्त रण देखने को मिलेगा। रायबरेली से कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी ताल ठोंक रहे हैं,जो मोदी सरकार को देश से उखाड़ फेंकने की सौगंध खाते हुए दावा कर रहे हैं कि बीजेपी को 180 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी, यह और बात है कि वह रायबरेली से अपनी जीत को लेकर पूरी तरफ से आश्वस्त नजर नहीं आ रहे हैं।2019 में कांग्रेस यूपी की 80 सीटों में से मात्र एक सीट रायबरेली की जीत पाई थी,जहां से सोनिया गांधी सांसद बनी थीं,लेकिन अबकी से वह मैदान से बाहर हैं,उनकी जगह राहुल गांधी ताल ठोंक रहे हैं।

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रायबरेली जीतने के लिये राहुल गांधी यहां कुए विकास कार्यो से अधिक गांधी परिवार के रायबरेली से रिश्तों का भावनात्मक सहारा ले रहे हैं।उनकी बहन प्रियंका वाड्रा भी कई दिनों से यहां डेरा डाले हुए हैं। राहुल गांधी को यहां बीजेपी के उम्मीदवार और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह से कड़ी चुनौती मिल रही हैं। दिनेश सिंह लगातार  आरोप लगा रहे हैं रायबरेली के विकास में गांधी परिवार सबसे बड़ा रोड़ा बना हुबा। सोनिया गांधी ने यहां विकास के नाम पर अपनी सांसद निधि मुलसमानों को खुश करने में लगा दी। रायबरेली के बाद लखनऊ की लोकसभा सीट पर भी सबकी नजर है, जहां से मोदी सरकार में नंबर दो के नेता समझे जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का मुकाबला इंडी के सपा प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा से है। यहां राजनाथ सिंह की जीत आसान नजर आ रही है। लखनऊ की एक अन्य मोहनलालगंज लोकसभा सीट में बीजेपी के लिये हालात बेहतर नजर नहीं आ रहे हैं। यहो से बीजेपी ने सिटिंग एमपी कौशल किशोर को मैदान में उतारा है, लेकिन पारिवारिक विवाद और क्षेत्र की जनता कौशल किशोर से खुश नहीं दिख रही है। अमेठी में भी इसी चरण में मतदान हो रहा है। जहां से बीजेपी की उम्मीदवार और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि रहे केएल शर्मा से हो रहा है। यहां बीजेपी अमेठी के पूर्व सांसद राहुल गांधी को भगौड़ा साबित करके कांग्रेस की जड़ों को कमजोर करने में लगी है। राहुल को जिताने के लिए सोनिया गांधी भी रायबरेली पहुंच गईं,जहां उन्होंने बेटे राहुल गांध्ी को जिताने की अपील वोटरों से की।

एक और हाई प्रोफाइल कैसरंगज लोकसभा सीट की भी चर्चा जरूरी है। यहां के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के महिला पहलवानों के विवाद और अब उन पर कोर्ट से आरोप तय हो जाने के बाद कैसरगंज की लोकसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी हैं। पहले उम्मीदवारी को लेकर चर्चित रही इस सीट पर अब जीत को लेकर नफा नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। इस पर भाजपा ने बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनके बेटे करण भूषण पर दांव लगाया है। वहीं, सपा ने भी ब्राह्मण बहुल सीट पर राम भगत मिश्रा जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता को मैदान में उतार कर अपने मंसूबों को साफ कर दिया है। बसपा ने भी इसी जाति के वोट बैंक को साधने के लिए नरेंद्र पांडेय को मैदान में उतार कर लड़ाई को रोचक बना दिया है। ऐसे में करण भूषण के सामने पिता बृजभूषण की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है।जातीय समीकरण के लिहाज से यहां ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। करीब साढ़े चार लाख ब्राह्मण वोटर हैं। सभी दलों की निगाहें ब्राह्मणों पर ही रहती हैं।  पांच विधानसभा सीटों वाले इस लोकसभा क्षेत्र में कही करण भूषण का समर्थन दिखा तो कहीं भगत राम के प्रति झुकाव नजर आया। सपा प्रत्याशी के प्रति पयागपुर और कैसरगंज में ब्राह्मण मतदाताओं के बीच सहानुभूति देखने को मिली। गोंडा जिले के तरबगंज और करनैलगंज क्षेत्र में बृजभूषण के दबदबे का असर दिख रहा है। वहीं कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण वोट बैंक में बिखराव के संकेत देखने को मिले। 

पांचवें चरण में ही बुंदेलखंड की भी कुछ सीटों जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा में भी वोट पडेंगे। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर समेत बुंदेलखंड की चार संसदीय क्षेत्रों में पिछले आम चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन की गांठें खुल गई थी। भाजपा की लहर में इन दलों को मतदाताओं ने तगड़ा झटका भी दिया था। इसके बावजूद अबकी बार कांग्रेस और सपा के गठबंधन ने फिर से भाजपा की घेराबंदी की है। हालांकि चुनाव मैदान में अभी से गठबंधन की गाठें एक बार फिर खुल गई है। संसदीय क्षेत्र में सपा अकेले ही चुनाव मैदान में जातीय समीकरण बनाने में जुटी है, जबकि कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता साइकिल को रफ्तार देने के लिए घर से बाहर भी नहीं निकल रहे है। बुंदेलखंड की हमीरपुर, बांदा, झांसी और जालौन संसदीय क्षेत्र में अबकी बार भी भाजपा की इंडिया गठबंधन से सीधी फाइट होना तय लग रहा है। हालांकि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार से सहयोगी दल के नेता और कार्यकर्ता दूरी बनाए है। इसीलिए इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अकेले ही चुनाव प्रचार में जुटे है। पिछले आम चुनाव में बुंदेलखंड की चारों सीटों पर भाजपा ने 2014 के चुनाव का इतिहास दोहराते हुए कमल खिलाया था।

उत्तर प्रदेश में 20 मई को 14 सीटों पर होने वाले चुनाव में धनबली/बाहुबली उम्मीदवारों का भी बोलबाला है। वहीं पांचवे चरण की सीटों में बहुत कम केवल 9 फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले सभी 144 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद जो रिपोर्ट तैयार की है,उस पर नजर डालने से पहले बता दें कि 20 मई को लखनऊ, मोहनलालगंज, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में मतदान होगा। चुनाव में खड़े कुल 144 उम्मीदवारों में से 29 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जब कि 18 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है। इन 14 सीटों में समाजवादी पार्टी के 50 फीसदी, कांग्रेस के 75 फीसदी, भारतीय जनता पार्टी के 29 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी के 36 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले घोषित किए हैं। आपराधिक मामलों में रविदास मल्होत्रा जो लखनऊ से समजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे है उनके ऊपर सबसे ज्यादा 18 आपराधिक मामले दर्ज है। दूसरे नम्बर पर आपराधिक छवि के उम्मीदवार में प्रदीप जैन आदित्य हैं जो झाँसी से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार है इनके ऊपर 6 आपराधिक मामले दर्ज़ है।

बात करोड़पति उम्मीदवारों की कि जाये तो 144 उम्मीदवारों में से 53 यानी 37 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। जिसमे भारतीय जनता पार्टी के 14 में से 13, समाजवादी पार्टी के 10 में से 10, बहुजन समाज पार्टी के 14 में से 10 और कांग्रेस के 4 में से सभी 4 उम्मीदवार करोड़पति हैं। पांचवे चरण के प्रत्याशियों में सबसे अमीर झाँसी से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनुराग शर्मा हैं जिनकी संपत्ति लगभग 212 करोड़ के आसपास है वहीं भाजपा के टिकट पर ही कैसरगंज से प्रत्याशी करण भूषण सिंह की संपत्ति 49 करोड़ है। सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीद्वारो में हमीरपुर लोकसभा सीट से अल हिन्द पार्टी से चुनाव लड़ रहे धर्मराज हैं जिनकी कुल समत्ति 20000 रुपये हैं तो दूसरे नंबर पर इसी पार्टी के झांसी प्रत्याशी दीपक कुमार वर्मा हैं जिनकी संपत्ति 22 हज़ार बताई गई हैं। प्रदेश में पांचवें चरण के 144 में से 44 प्रत्याशियों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है जबकि 89 ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की हैं। केवल दो उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता शून्य है। पांचवे चरण में मात्र 13 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं।

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