पैरों के तलवों को गर्म चाकू से जलाया, 12 साल के बच्चे को कमरे में बंद कर करते थे टॉर्चर

sexual abuse

पुलिस के अनुसार, बच्चे को एक छोटे से कमरे में रखा गया था और उसके पैरों के तलवों को गर्म चाकू से जला दिया था ताकि वह भागने का प्रयास भी ना कर सके। उन्होंने बताया कि जख्मों के कारण बच्चा चलने की स्थिति नहीं था, लेकिन वह किसी तरह छत पर पहुंचा।

जयपुर। जयपुर पुलिस ने 12 साल के किशोर के यौन शोषण, बाल श्रम और प्रताड़ना के आरोप में दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि दंपती इस बच्चे को एक कमरे में बंद रखकर प्रताड़ित करते थे और उससे जबरन चूड़ियां बनवाते थे। पुलिस के अनुसार, बच्चे को एक छोटे से कमरे में रखा गया था और उसके पैरों के तलवों को गर्म चाकू से जला दिया था ताकि वह भागने का प्रयास भी ना कर सके। उन्होंने बताया कि जख्मों के कारण बच्चा चलने की स्थिति नहीं था, लेकिन वह किसी तरह छत पर पहुंचा और वहां से पड़ोसी की छत पर कूद कर उन्हें आपबीती सुनाई। पड़ोसियों से पूरी बात जानने के बाद ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ को सूचित किया। चाइल्ड हेल्पलाइन की काउंसिलर शांति बेरवाल ने मौके पर पहुंचकर किशोर की हालत के बारे में पुलिस को सूचित किया।

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बातचीत में किशोर ने बताया कि उसका यौन शोषण किया गया, उसे मारा-पीटा गया, उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पुलिस ने इस सिलसिले में आरोपी दंपती के खिलाफ मामला दर्ज कर महिला रूही परवीन को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मूल रूप से बिहार के रहने वाले उसे पति मोहम्मद रियाज को तलाश किया जा रहा है। शास्त्री नगर के थाना प्रभारी दिलीप सिंह ने बताया कि 12 साल के इस बच्चे ने बताया कि दंपती करीब 6-7 महीने पहले उसे बिहार से जयपुर लेकर आए थे और यहां उससे जबरदस्ती काम करवाते और प्रताड़ित करते। उन्होंने बताया कि बच्चे को प्राथमिक उपचार के बाद बाल कल्याण समिति को सौंपा और बाद में उसके निर्देश पर उसे बाल आश्रयगृह भेज दिया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में दंपती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं, बेरवाल ने बताया कि बच्चे को बेरहमी से मारा-पीट गया है और उसके शरीर के लगभग हर हिस्से पर चोट के निशान हैं। उन्होंने बताया, ‘‘बच्चे को सुबह चार बजे से दोपहर एक बजे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता और एक छोटे कमरे में बंद रखा जाता। उससे कमरे में ही चूड़ियां बनवायी जातीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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