राज्यसभा अध्यक्ष के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव की केंद्र ने की निंदा, रिजिजू बोले- माफी मांगे कांग्रेस
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि ऐसे समय में जब जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेतृत्व के बीच 'गठबंधन' और उनके संयुक्त भारत विरोधी कार्यों की खबरें प्रकाश में आई हैं, कांग्रेस और उसके मित्र परेशान हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह नोटिस सिर्फ विपक्ष की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है। विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपात और 'पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली' का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। विपक्ष ने दावा किया कि उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष का पक्ष लिया और उनकी आवाज दबा दी।
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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि ऐसे समय में जब जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेतृत्व के बीच 'गठबंधन' और उनके संयुक्त भारत विरोधी कार्यों की खबरें प्रकाश में आई हैं, कांग्रेस और उसके मित्र परेशान हैं। मुझे लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व को देश से माफी मांगनी चाहिए। इस मामले को लेकर पूरा देश चिंतित है। उन्होंने आगे कहा कि मैं उन 60 सांसदों के कदम की निंदा करता हूं जिन्होंने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। चाहे राज्यसभा हो या लोकसभा, विपक्ष आसन की गरिमा का अनादर करता है। कांग्रेस पार्टी और उनके गठबंधन ने सभापति के निर्देशों का पालन न करके लगातार गलत व्यवहार किया।
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उन्होंने उपराष्ट्रपति की प्रशंसा करते हुए कहा कि धनखड़ जी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वह संसद के अंदर और बाहर हमेशा किसानों और लोगों के कल्याण की बात करते हैं। वह हमारा मार्गदर्शन करते है। हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि जो नोटिस दिया गया है, एनडीए के पास बहुमत है और हम सभी को सभापति पर भरोसा है। जिस तरह से वह सदन का मार्गदर्शन करते हैं उससे हम खुश हैं। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने कांग्रेस, राजद, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई-एम, जेएमएम, आप, डीएमके, समाजवादी पार्टी सहित 60 विपक्षी सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा।
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