केंद्र ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को वाई प्लस श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की

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केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के कम से कम 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ जवानों से लैस वाई प्लस श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया जिन विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के कम से कम 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ जवानों से लैस वाई प्लस श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया जिन विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र में रहने वाले इन विधायकों के परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी, क्योंकि सुरक्षा घेरे के अंतर्गत गृह सुरक्षा दल भी शामिल हैं।

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उन्होंने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय से की गई एक सिफारिश के बाद विधायकों को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान करने की मंजूरी दी गई है। सिफारिश में कहा गया था कि बागी विधायकों और उनके परिजनों को महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के कारण संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता है। अधिकारियों के अनुसार, विधायकों के महाराष्ट्र लौटने के बाद प्रत्येक पाली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लगभग चार से पांच कमांडो उनकी सुरक्षा करेंगे।

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शिवसेना के कई विधायकों ने पार्टी से विद्रोह करने वाले मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाते हुए वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाला हुआ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार इस समय सियासी संकट से गुजर रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को समन जारी कर उन शिकायतों पर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था, जिनमें इन विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मांग की गई थी। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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