केंद्र सरकार सोचती है कि किसान थक जाएंगे और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन खत्म कर देंगे: राकांपा

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राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर बुधवार को किसान काला दिवस मना रहे हैं। किसान दिल्ली की तीन सीमाओं--सिंघू, गाज़ीपुर और टीकरी पर आंदोलन कर रहे हैं।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसके मन में धारणा है कि पिछले छह महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान थक जाएंगे और अपना प्रदर्शन खत्म कर देंगे। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर बुधवार को किसान काला दिवस मना रहे हैं। किसान दिल्ली की तीन सीमाओं--सिंघू, गाज़ीपुर और टीकरी पर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को काला दिवस के रूप में काले झंडे लगाए, सरकार विरोधी नारेबाजी की और पुतले जलाए तथा मार्च निकाला। 

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राकांपा सहित 14 राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है और नागरिकों से सोशल मीडिया के माध्यम से एकजुटता दिखाने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री मलिक ने कहा, “केंद्र सरकार को लगता है कि छह महीने तक आंदोलन करते-करते थक जाने पर किसान अपना प्रदर्शन खत्म कर देंगे। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय कानूनों की तामील पर रोक लगा दी है। यह केंद्र का फर्ज है कि वह उन लोगों से बात करे जो उसके फैसले के खिलाफ पिछले छह महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।” तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच गए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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