सिद्धू ने कृषि कानूनों को बताया असंवैधानिक, बोले- यह राज्यों के अधिकारों पर केंद्र का हमला है
पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘‘नये कृषि कानून असंवैधानिक और गैर कानूनी हैं। यह संघीय ढांचे और कानून बनाने के राज्यों के अधिकारों पर केंद्र का हमला है।’’
चंडीगढ़। नये कृषि कानूनों को ‘‘असंवैधानिक एवं गैर कानूनी’’ करार देते हुए पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह संघीय ढांचे और कानून बनाने के राज्यों के अधिकारों पर केंद्र का हमला है। उन्होंने कहा कि नये कानूनों से पंजाब में जमीन नीलाम होने लगेगी और उसके बाशिंदे ‘दास’ बनकर रह जायेंगे। उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार से इन कानूनों का विरोध कर रहे लोगों की ‘आंकाक्षाएं’ पूरी करने के लिए ‘साहसिक एवं ठोस कदम’ उठाने की मांग की।
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उन्होंने यहां संवाददताओं से कहा, ‘‘ नये कृषि कानून असंवैधानिक और गैर कानूनी हैं। यह संघीय ढांचे और कानून बनाने के राज्यों के अधिकारों पर केंद्र का हमला है। ’’ किसानों के वर्तमान आंदोलन का जिक्र करते हुए सिद्धू ने कहा कि कृषक समुदाय कभी भी लड़ाई नहीं हारा है। पंजाब विधानसभा ने तीन नये कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए पिछले साल विधेयक पारित किये थे जो राज्यपाल के पास लंबित हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पंजाब सरकार द्वारा दालों एवं तिलहनों पर दिया जाना चाहिए। इससे कृषि विविधिकरण में मदद मिलेगी।
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