महिला डॉक्टरों के सामने बड़ी चुनौती, अश्लील हरकतों का अड्डा बनता जा रहा है ऑनलाइन कंसल्टेशन

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अंकित सिंह । Dec 29 2020 3:53PM
दिशा-निर्देश के अनुसार यह कहा गया था कि टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन के लिए मरीज और डॉक्टर एक दूसरे को जानने चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में देखें तो ज्यादातर वेबसाइटें इस नियम का उल्लंघन कर रही हैं।

ऑनलाइन कंसल्टेशन देना अब महिला डॉक्टरों के लिए चुनौती भरा होता जा रहा है। यह दावा किया जा रहा है कि 24X7 ऑनलाइन कंसल्टेशन वेबसाइट महिला डॉक्टरों के उत्पीड़न का अड्डा बनता जा रहा है। एक खबर के मुताबिक ऑनलाइन कंसल्टेशन देने के दौरान महिला डॉक्टरों को शर्मसार होना पड़ता है। उनके सामने ही मरीज मास्टरबेट और भद्दी भद्दी बातें करने लगते हैं। हालांकि ऑनलाइन कंसल्टेशन के लिए एक दिशा निर्देश जारी किया गया था। दिशा-निर्देश के अनुसार यह कहा गया था कि टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन के लिए मरीज और डॉक्टर एक दूसरे को जानने चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में देखें तो ज्यादातर वेबसाइटें इस नियम का उल्लंघन कर रही हैं।

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इतना ही नहीं, इन वेबसाइटों ने तो इस बात की जानकारी पुलिस को देना भी जरूरी नहीं समझा। लगातार इस तरीके की बातें वह छिपा रहे है और कुछ ऐसी तकनीक विकसित करने में लगे है जो इस मामले को कम कर सके। हालांकि फिलहाल उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है। फर्जी मरीज बनकर महिला डॉक्टरों के साथ लोग लगातार अश्लील हरकतें कर रहे हैं। इन वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन करने के तुरंत बाद ही मरीजों को ऑनलाइन कंसल्टेशन के लिए डॉक्टर मिल जा रहे हैं। वर्तमान समय में ऑनलाइन कंसल्टेशन पर रजिस्ट्रेशन कराना कोई मुश्किल काम किसी के लिए भी नहीं है। कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि खुद को मरीज बताने वाले लोग शराब के नशे में महिला डॉक्टरों से बात करते हैं।

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अगर वेबसाइट की ओर से इस तरह की हरकत करने वाले मरीजों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ब्लॉक कर दी जा रही है तो वह दूसरे नंबर और आईडी से रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं। इस बात की जानकारी ना तो ऑनलाइन कंसल्टेशन वेबसाइट को होती है और ना ही डॉक्टरों को। डॉक्टर को यह बात तब पता चलती है जब वह मरीज को देखना शुरू करते हैं। ज्यादातर मामलों में यह भी देखा जा रहा है कि जब एक ऑनलाइन कंसल्टेशन वेबसाइट किसी मरीज को ब्लॉक करता है तो वह दूसरे कंसल्टेशन वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा लेता है और फिर से ऐसी हरकतें करना शुरू करता है। अब तो हद ही हो गई है, मरीज फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल नेटवर्किंग के जरिए डॉक्टर्स को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और पर्सनल नंबर की मांग करते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स अपनी प्राइवेसी को लेकर चिंतित है। हालांकि मामले लगातार ऐसे बढ़ रही है। लेकिन वेबसाइटों की ओर से कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। डॉक्टर्स लगातार ऐसे मरीजों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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