Chhattisgarh Chunav 2023: छत्तीसगढ़ से तय होगा मिशन 2024 लोकसभा चुनाव का समीकरण, दिग्गजों ने संभाला मोर्चा

Chhattisgarh Assembly Election
Prabhasakshi

साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों के लिए विधानसभा चुनाव 2023 चुनावी सेमिफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ हमेशा से बीजेपी का गढ़ रहा है। ऐसे में सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ पर टिकी हैं।

साल 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों के लिए विधानसभा चुनाव 2023 चुनावी सेमिफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि बीजेपी की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं मोर्चा संभाला हुआ है। इस साल के अंत तक 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव काफी ज्यादा अहम हैं। पीएम मोदी के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने भी मोर्चा संभाल रखा है। 

वहीं राज्य में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के नेता राहुल गांधी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में आप पार्टी और जनता कांग्रेस समेत अन्य स्थानीय दलों ने भी ताकत झोंक दी है।

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राज्य में विधानसभा चुनाव

इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कई राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ हमेशा से बीजेपी का गढ़ रहा है। ऐसे में सभी की निगाहें छत्तीसगढ़ पर टिकी हैं। क्योंकि साल 2003 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक तीन बार राज्य में बीजेपी की सरकार रही है। वहीं वर्तमान में राज्य में कांग्रेस की सरकार है। लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने वाले विधानसभा चुनाव को राजनीतिक दलों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। 

बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर

प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने तैयारी कर रखी है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे को सामने रखकर बीजेपी चुनावी रण में उतरेगी। वहीं कांग्रेस ने भी प्रदेश में अपनी घोषणाओं और गारंटियों से जनता का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना, पुरानी पेंशन योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल, किसानों की कर्ज माफी, गोधन न्याय योजना से गोबर-गोमूत्र की खरीदी, वनोपज खरीदी, बेरोजगारी भत्ता आदि दिया है।

किसके तरकश में कितने तीर

विधानसभा चुनाव का विश्लेषण करें तो राज्य में बीजेपी की स्थिति काफी ज्यादा कमजोर दिख रही है। वहीं बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा निकालकर कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास भरने का काम किया है। प्रदेश में आचार संहिता लगने से पहले ही दोनों दलों में बराबर की टक्कर दिख रही है। दोनों सियासी दलों की लोकप्रियता में शेयर मार्केट की तरह उछाल और गिरावट देखने को मिल रही है।

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