चिदंबरम का मोदी सरकार पर हमला, कहा- जनधन योजना एक और जुमला

chidambaram-attacked-modi-government-said-jandhana-yojna-another-jumla
[email protected] । Nov 2 2018 8:49AM

चिदंबरम ने कहा कि जनधन खातों के जरिये सही तरीके से वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाने के बजाय नरेंद्र मोदी सरकार रिकॉर्ड तोड़ने और चर्चा में बने रहना चाहती है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार की प्रधानमंत्री जनधन योजना को एक और जुमला बताया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इन खातों का इस्तेमाल नोटबंदी के दौरान काले धन को सफेद करने के लिए किया गया। इन खातों में उस समय 42,187 करोड़ रुपये जमा हुए। चिदंबरम ने कहा कि जनधन खातों के जरिये सही तरीके से वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाने के बजाय नरेंद्र मोदी सरकार रिकॉर्ड तोड़ने और चर्चा में बने रहना चाहती है। 

यह भी पढ़ें: आर्थिक स्थिति पर अब अपने ‘‘मन की बात’’ करें भाजपा सांसद: चिदंबरम

उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत की कहानी 26 मई, 2014 को नहीं शुरू हुई थी उसी तरीके से जनधन योजना के जरिये वित्तीय समावेशन भी शुरू नहीं हुआ है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) ने वित्तीय समावेश के विचार को आगे बढ़ाया था। चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अब यह सभी को पता है कि इन खातों का इस्तेमाल नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने के लिए किया गया था। 8 नवंबर, 2016 से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान इन खातों में 42,187 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम जमा हुई। 

चिदंबरम ने कहा कि शुरुआत में वित्त मंत्री ने 12 नवंबर, 2016 को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी लेकिन वित्त सचिव ने इसमें लगने वाले समय का हवाला देते हुए जांच से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया में अकेले 11,80,000 जनधन खाते हैं, जिनमें कथित तौर पर एक-एक लाख रुपये से अधिक की ‘बचत’ है।

यह भी पढ़ें: नौकरी, महिला सुरक्षा और महंगाई के मुद्दे चुनावों में भाजपा को करेंगे परेशान: चिदंबरम

अयोध्या मुद्दे पर विधेयक या अध्यादेश लाया जाना असंवैधानिक होगा

अयोध्या में राम मंदिर के जल्द निर्माण के वास्ते कानून लाये जाने के लिए भाजपा के भीतर मचे हो हल्ले के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गुरूवार को कहा कि सरकार द्वारा लाया गया कोई भी अध्यादेश या संसद में पारित विधेयक असंवैधानिक होगा क्योंकि मामला विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में अपील लंबित होने के बीच कोई अध्यादेश या कानून लाया जाना एक ‘‘साहसी कार्रवाई’’ होगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़