रिजर्व बैंक को अपनी मुठ्ठी में करने की कोशिश कर रही है मोदी सरकार: चिदंबरम

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[email protected] । Nov 8 2018 5:50PM

पूर्व वित्तमंत्री ने यहां संवादाताओं से कहा, ‘‘सरकार के सामने राजकोषीय घाटे का संकट खड़ हो गया है.. वह इस चुनावी वर्ष में खर्च बढ़ाना चाहती है।

कोलकाता। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी सरकार राजकोषीय संकट से उबरने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ‘अपनी मुठ्ठी में करने’ का प्रयास कर रही है। चिंदबरम ने आगाह कि इस तरह के प्रयासों के चलते ‘‘भारी मुसीबत’’ खड़ी हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल में अपने चहेतों को भर दिया है। सरकार का प्रयास है कि 19 सितंबर को होने वाली आरबीआई निदेशक मंडल की बैठक में उसके प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जाए। 

पूर्व वित्तमंत्री ने यहां संवादाताओं से कहा, ‘‘सरकार के सामने राजकोषीय घाटे का संकट खड़ हो गया है.. वह इस चुनावी वर्ष में खर्च बढ़ाना चाहती है। सारे रास्ते बंद देखने के बाद हताशा में सरकार ने आरबीआई से उसके आरक्षित कोष से एक लाख करोड़ रुपये की मांग की है।’’ 

उन्होंने दावा किया कि यदि आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल अपने रुख पर कायम रहते हैं तो केंद्र सरकार की योजना आरबीआई कानून 1934 की धारा-सात के तहत दिशानिर्देश जारी करने की है। सरकार केंद्रीय बैंक को एक लाख करोड़ रुपये सरकार के खाते में हस्तांतरित करने का निर्देश दे सकती है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस समय आरबीआई निदेशक मंडल की 19 नवंबर की बैठक महत्वपूर्ण हो गयी है। इसमें कोई निर्णय हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि आरबीआई सरकार से अलग राय रखती है या आरबीआई के गवर्नर इस्तीफा देते हैं तो भारी मुसीबत पैदा हो सकती है।’ 

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