चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मुझे अपमानित करने के लिये गिरफ्तार करना चाहती है ED

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[email protected] । Aug 28 2019 9:25AM

सिब्बल का कहना था कि इस लिखित ब्यौरे से पता चल जायेगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे थे, जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है।

नयी दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई हिरासत में चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनकी गिरफ्तारी सिर्फ उन्हें ‘‘अपमानित’’ करने के लिये करना चाहती है और पूछा कि उन्हें पूर्व प्रभाव से एक अपराध के लिये ‘‘सरगना’’ के तौर पर कैसे पेश किया जा सकता है। न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिले अंतरिम संरक्षण की अवधि कल तक के लिये बढ़ा दी, वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के परिवार ने आरोप लगाया कि सरकार का मकसद उन्हें ‘‘खलनायक की तरह पेश करना और अपमानित’’ करना है। चिदंबरम के बेटे कार्ति के ट्विटर हैंडल पर अपलोड किये गए परिवार के एक बयान में कहा गया, ‘‘हम सरकार को चुनौती देते हैं कि अपने आरोपों के संबंध में वह दुनिया में कहीं भी एक अघोषित बैंक खाते, एक अघोषित संपत्ति या एक मुखौटा कंपनी के समर्थन में साक्ष्य पेश करे।’’

कार्ति भी आईएनएक्स मीडिया मामले में एक आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। धन शोधन रोकथाम कानून में 2009 में संशोधन किया गया जबकि इस मामले में आरोप 2007-08 के हैं। ऐसे में कानून को उनके खिलाफ पूर्व प्रभाव से लागू करने की बात करते हुए चिदंबरम ने धनशोधन में उनसे हुई पूछताछ का लिखित विवरण भी ईडी से मांगे जाने का अनुरोध किया। सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि 2007 में वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी धन शोधन का मामला दर्ज किया था। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक आवेदन दायर कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पिछले साल 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी, 2019 को पूर्व केन्द्रीय मंत्री से पूछताछ के दौरान पूछे गये सवाल और उनके जवाबों का लिखित ब्योरा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

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सिब्बल का कहना था कि इस लिखित ब्यौरे से पता चल जायेगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे थे, जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है। सिब्बल ने न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ को बताया, ‘‘उनकी (ईडी) की दलील है कि उनके पास सभी साक्ष्य और दस्तावेज हैं। हमारा कहना है कि उन्होंने कभी उसे (दस्तावेजों को) पूछताछ के दौरान उनके सामने नहीं रखा।’’ सिब्बल ने कहा, ‘‘वे अचानक ही दस्तावेज पेश कर रहे हैं और कहते हैं कि यह केस डायरी का हिस्सा है।’’ पीठ चिदंबरम को हिरासत में भेजने को चुनौती देने वाली याचिका सहित दो याचिकाओं पर प्रवर्तन निदेशालय की दलील बुधवार को सुनेगी। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस मामले में बुधवार को बहस के दौरान चिदंबरम के नये आवेदन का जवाब दाखिल करेंगे। चिदंबरम की तरफ से ही पेश हुए एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि पूछताछ के दौरान उन्होंने सवाल से बचने की कोशिश नहीं की और जांच में पूरा सहयोग दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आप (ईडी) मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं, लेकिन किस लिये? जवाब है- मुझे अपमानित करने के लिये, मुझे अपमानित करने के लिये और मुझे अपमानित करने के लिये, मिनट दर मिनट और घंटा दर घंटा।’’

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