मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं चिराग पासवान, भादो-पितृपक्ष बीतने का हो रहा इंतजार

चिराग पासवान पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं। दलित राजनीति में रामविलास पासवान की अच्छी पकड़ थी। बिहार में लगभग 6 फ़ीसदी दलित वोट बैंक है। भाजपा के उस पर लगातार नजर है।
बिहार में सियासी उठापटक का फायदा चिराग पासवान को होता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक एक बार फिर से वह भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। चिराग पासवान को गठबंधन में फिर से शामिल करने की दिशा में भाजपा लगातार काम कर रही है। माना जा रहा है कि भाजपा का यह कदम 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर है। बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद चिराग पासवान के लिए अच्छे दिन लौटते दिखाई दे रहे हैं। खबर के मुताबिक चिराग पासवान को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। इसको लेकर लगभग सभी तैयारी पूरी की जा चुकी है। इंतजार सिर्फ भादो और पितृपक्ष बीतने का हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं होता। यही कारण है कि चिराग पासवान के मंत्री बनने को लेकर थोड़ा इंतजार और बढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान 8 अक्टूबर के आसपास से मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
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चिराग पासवान पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं। दलित राजनीति में रामविलास पासवान की अच्छी पकड़ थी। बिहार में लगभग 6 फ़ीसदी दलित वोट बैंक है। भाजपा के उस पर लगातार नजर है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में चिराग पासवान भाजपा की नैया पार लगाने में अहम किरदार साबित हो सकते हैं। हालांकि, चिराग पासवान को अपने पाले में करना भाजपा के लिए इतना आसान नहीं था। वैसे एनडीए में शामिल होने से चिराग को भी कोई परहेज नहीं था। लेकिन उन्होंने कुछ शर्ते रखी थी। खबर के मुताबिक के भाजपा ने चिराग पासवान के अधिकतर शर्तों को मान लिया है। चिराग पासवान के एक शर्त यह भी था कि उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को गठबंधन से अलग किया जाए। लेकिन शायद भाजपा आलाकमान इसके लिए तैयार नहीं है। आपको बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद परिवार दो भागों में बट गया था। एक ओर चिराग पासवान थे तो दूसरी और पशुपति पारस।
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भाजपा के एक नेता ने कहा कि जिन शर्तों को चिराग पासवान ने पार्टी के समक्ष रखा था, उनमें नीतीश कुमार को लेकर भी एक बात कही गई थी। चिराग पासवान ने साफ तौर पर कहा था कि भाजपा कभी नीतीश कुमार को अपने साथ नहीं लेगी। इस पर भी लगभग भाजपा ने उनकी बात मान ली है। आपको बता दें कि हाल में ही नीतीश कुमार ने एनडीए से बाहर निकलकर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली। बिहार चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से हमले किए थे। इसके बाद से नीतीश कुमार और चिराग पासवान में दूरियां काफी बढ़ गई थी। बिहार चुनाव के समय चिराग पासवान एनडीए से बाहर होकर चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। खुद को चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी का हनुमान बताया था।
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