Dharmasthala Temple Controversy | धर्मस्थल में 'शवों' का दावा झूठा? 20 टन मिट्टी हटी, कोई मानव अवशेष नहीं मिला

Dharmasthala
ANI
रेनू तिवारी । Aug 13 2025 10:47AM

धर्मस्थल में मानव अवशेषों के अवैध दफन के आरोपों की एसआईटी जांच जारी है। 'स्थल संख्या 13' पर जीपीआर तकनीक का उपयोग कर 18 फुट गहरी खुदाई के बावजूद कोई मानव अवशेष नहीं मिला, जिससे शिकायतकर्ता के दावों पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, एसआईटी अन्य चिह्नित स्थानों पर अपनी जांच जारी रखे हुए है, क्योंकि पहले 'स्थल संख्या 6' पर कुछ हड्डियां मिली थीं।

भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के प्रसिद्ध तीर्थस्थल, धर्मस्थल में दशकों तक काम करने वाले एक व्यक्ति के बयानों से सैकड़ों हत्याओं और बलात्कारों के आरोपों से जुड़े एक घोटाले के बारे में जानकारी मिलने के बाद धर्मस्थल मंदिर में तलाशी अभियान शुरू किया गया। 13 दिनों तक खुदाई हुई लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला। 3 जुलाई को, पूर्व सफ़ाई कर्मचारी ने पुलिस को एक बयान दिया।

बयान में कहा गया है, "मैं बेहद भारी मन से और अपराधबोध की असहनीय भावना से उबरने के लिए यह शिकायत दर्ज करा रहा हूँ... मैं अब उन हत्याओं की यादों का बोझ नहीं सह सकता जो मैंने देखीं, लाशों को दफ़नाने के लिए मुझे लगातार मिल रही जान से मारने की धमकियाँ, और मारपीट का दर्द - कि अगर मैंने उन लाशों को नहीं दफ़नाया, तो मुझे भी उनके साथ दफ़ना दिया जाएगा।"

धर्मस्थल में स्थल संख्या 13 में ताजा खुदाई के दौरान कोई मानव अवशेष नहीं मिला। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। ये खुदाई उस व्यापक एसआईटी जांच का हिस्सा है, जिसका आदेश इस साल की शुरुआत में इस क्षेत्र में शव संभावित रूप से अवैध तरीके से दफनाने के आरोपों के बाद दिया गया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उस स्थान पर दसियों मानव शव दफ़नाए गए थे। धर्मस्थल में ‘स्थल संख्या 13’ पर आज जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार) तकनीक का उपयोग करने और 18 फुट तक गहरी खुदाई करने के बावजूद अब तक कुछ भी हाथ नहीं लग सका है।

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दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल में शवों को कथित तौर पर दफनाने की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी घटनास्थल पर ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है। खुदाई शुरू होने से पहले, एक ड्रोन पर लगे ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल करके भूमिगत सतह को स्कैन किया गया। एसआईटी ने अभी तक जीपीआर इमेजरी के अपने विश्लेषण का खुलासा नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने मंगलवार को दो अर्थमूवर का उपयोग करके इस स्थल संख्या 13 पर 18 फुट गहरी और 25 फुट चौड़ी खुदाई की और 20 टन से अधिक मिट्टी को हटाया लेकिन उसे कोई मानव कंकाल नहीं मिला।

आज पूर्वाह्न 11.30 बजे शुरू हुआ खुदाई का काम शाम तक चलता रहा जिसके बाद स्थल को फिर से भर दिया गया। अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि क्या अन्य चिह्नित स्थलों पर आगे खुदाई की जाएगी। मंगलवार को स्थल संख्या 13 पर की गयी खुदाई अब तक की सबसे गहरी खुदाई थी। जांच का नेतृत्व एसआईटी प्रमुख एवं पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रणब मोहंती कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जीपीआर जांच शिकायतकर्ता और उनके वकील की उपस्थिति में की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कदम से मामले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूतों को उजागर करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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इस मामले के गुप्त शिकायतकर्ता ने जांचकर्ताओं को धर्मस्थल क्षेत्र में 16 स्थानों को चिह्नित करके दिया था, जहां दर्जनों महिलाओं एवं नाबालिगों के शवों को दफन किये जाने का दावा किया गया था। इस मामले की जांच में साइट संख्या 6 को छोड़कर किसी अन्य स्थान से सामूहिक कब्रों का सबूत नहीं मिला है। साइट संख्या छह पर अधिकारियों ने एक आधा टूटा हुआ मानव जबड़ा और कुछ अन्य हड्डियां बरामद की थीं। बेलथांगडी तालुक के राजस्व अधिकारियों ने बाद में इन निष्कर्षों की पुष्टि की थी लेकिन उनकी आयु की अभी तक औपचारिक रूप से पता नहीं चल पाया है।

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