स्वच्छ भारत मिशन हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का प्रतिनिधित्व करता है: राष्ट्रपति
उन्होंने कहा, ‘‘ स्वच्छ भारत एक क्रांति है जो वर्तमान समय में नजर आ रही है। जन आंदोलन के साधन के रूप में, लोगों को जुटाने के माध्यम के रूप में और एक राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में यह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।’’
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन सिर्फ भौतिक सफाई करना नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक, सामाजिक स्वच्छता और पुनरावृत्ति को लेकर है जो हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का यहां उद्घाटन करते हुए कोविंद ने कहा कि स्वच्छ भारत एक जन आंदोलन और एक क्रांति बन गया है जिसका प्रभाव तुरंत दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ स्वच्छ भारत एक क्रांति है जो वर्तमान समय में नजर आ रही है। जन आंदोलन के साधन के रूप में, लोगों को जुटाने के माध्यम के रूप में और एक राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में यह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की भावना का प्रतिनिधित्व करता है।’’ राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कई बार राष्ट्रपिता का जिक्र किया और कहा कि बीते चार साल में गांधीजी की शिक्षाओं और परपंराओं को ध्यान में रखते हुए ‘‘ मुझे यह रेखांकित करते हुए खुशी हो रही है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के साथ स्वच्छ भारत एक जन आंदोलन बन गया है।’’
मिशन की प्रगति की चर्चा करते हुए कोविंद ने कहा कि पिछले चार वर्षों के निरंतर और अथक मेहनत की वजह से भारत ने अहम मील का पत्थर हासिल किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में मिशन के शुरू होने के वक्त स्वच्छता का दायरा 39 फीसदी था जो अब बढ़कर करीब 95 प्रतिशत हो गया है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ भारत दो अक्तूबर 2019 तक खुले में शौच से पूरी तरह से मुक्त के लिए प्रयासरत है। यह सर्वश्रेष्ठ 150वीं जयंती का तोहफा होगा जो हम गांधीजी को दे सकते हैं।’’
स्वच्छ भारत मिशन की अहमियत पर जोर देते हुए कोविंद ने कहा कि यह अधिक कुशल अपशिष्ट प्रबंधन,सार्वजनिक और निजी स्थानों पर साफ-सफाई, बेहतर स्वच्छता और शौचालयों के सार्वभौमिक उपयोग के साथ स्वच्छ भारत बनाने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि पेय जल, स्वच्छता और साफ-सफाई टिकाऊ विकास के लक्ष्यों के केंद्र में है।
स्वच्छता सम्मेलन का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए किया है। यह स्वच्छ भारत मिशन की चौथी सालगिरह के साथ पड़ रहा है। इस कार्यक्रम में 68 देशों के मंत्री और प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
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